चांडिल/ सरायकेला-खरसावां : एनएच-32 पर चांडिल से पुरुलिया की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग पर बीते एक महीने से लग रहे भीषण जाम ने लोगों की ज़िंदगी को बेहाल कर दिया है। स्थानीय दुकानदारों से लेकर आम राहगीरों तक, हर कोई इस जाम की त्रासदी झेल रहा है। लगातार बारिश के चलते स्थिति और भी भयावह हो गई है।
मरीज़ और छात्र सबसे अधिक प्रभावित

जाम की स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि एंबुलेंस तक इसमें घंटों फंसी रह जाती हैं, जिससे मरीज़ों की जान पर बन आती है। वहीं, स्कूली बच्चे भी समय पर स्कूल नहीं पहुंच पा रहे हैं, जिससे उनकी पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। इसके अलावा झारखंड, बिहार और बंगाल की ओर आने-जाने वाले यात्रियों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की चुप्पी से बढ़ी नाराज़गी
स्थानीय नागरिकों में प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता को लेकर भारी रोष है। लोगों का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई समाधान नहीं निकल पाया है। एक ओर आम जनता सड़क पर त्रस्त है, वहीं प्रशासन की ओर से कोई ठोस पहल अब तक नहीं की गई है।
बायपास बनकर तैयार, फिर भी चालू नहीं
सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि चांडिल बायपास सड़क पूरी तरह बनकर तैयार है, लेकिन संवेदक (ठेकेदार) की मनमानी के कारण इसे चालू नहीं किया गया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि जानबूझकर बायपास मार्ग को बंद रखा गया है ताकि संवेदक को विशेष लाभ मिल सके। पितकी से घोड़नेगी तक सड़क का निर्माण पूरा हो चुका है, सिर्फ भालुकोचा के पास पिचिंग का काम लंबित है। अगर यह कार्य पूरा हो जाए, तो सड़क को यातायात के लिए खोलना पड़ेगा — और यही ठेकेदार नहीं चाहता।
जनता की अपील
स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से अपील की है कि वे संवेदनशीलता दिखाते हुए इस गंभीर समस्या का स्थायी समाधान जल्द से जल्द सुनिश्चित करें, ताकि आमजन को राहत मिल सके।






