बॉलीवुड स्टार रणबीर कपूर ने खोला नेपोटिज़्म पर सच का पन्ना।

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रणबीर कपूर ने स्वीकारा कि वह नेपोटिज़्म का हिस्सा हैं, लेकिन सफलता के लिए मेहनत और अपनी पहचान बनाना ज़रूरी है।

बॉलीवुड और साउथ फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिज़्म हमेशा से एक गर्म चर्चा का विषय रहा है। कई कलाकार ऐसे परिवारों से आते हैं, जिनके नाम की वजह से उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने में आसानी होती है। लेकिन इन बातों को खुले तौर पर स्वीकार करने वाला कोई बहुत कम ही होता है। ऐसे में बॉलीवुड स्टार रणबीर कपूर ने इस सिलसिले में एक ईमानदार और खुलासा भरी प्रतिक्रिया दी है।

हाल ही में मीडिया से बातचीत में रणबीर कपूर ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे नेपोटिज़्म के उत्पाद हैं और उन्हें अपने फिल्म परिवार में जन्म लेने के फायदे का पूरा पता है। हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि सिर्फ नाम या पृष्ठभूमि कभी सफलता की गारंटी नहीं देती। कपूर परिवार के चौथे पीढ़ी के इस अभिनेता ने बताया कि उन्हें खुद अपनी शैली विकसित करनी पड़ी और अपनी प्रतिभा साबित करनी पड़ी ताकि वे इंडस्ट्री में टिक सकें।

रणबीर कपूर ने यह भी स्वीकार किया कि उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ती है और अपने लिए एक अलग पहचान बनानी पड़ती है, वरना उनका करियर सफल नहीं हो पाता। उन्होंने कहा कि उनके परिवार की सफलता को लोग मनाते हैं, लेकिन इसके साथ कई असफलताएँ भी जुड़ी हैं। रणबीर ने साझा किया कि वह बड़े होकर संगीतकारों, गायकों और गीतकारों को अपने घर आते हुए देखते थे, जो उनके दादा राज कपूर की फिल्मों के लिए गाने बनाते थे।

काम की बात करें तो, रणबीर कपूर फिलहाल बहुप्रतीक्षित महाकाव्य फिल्म ‘रामायण’ और ‘लव एंड वार’ की शूटिंग में व्यस्त हैं।

यह बयान न केवल रणबीर की ईमानदारी को दर्शाता है, बल्कि नेपोटिज़्म और व्यक्तिगत मेहनत के बीच संतुलन बनाने की उनकी सोच को भी उजागर करता है।

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