कल यानी 6 नवंबर 2025 बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा, जहाँ लगभग 3.75 करोड़ मतदाता अपने-अपने मतदान केंद्रों पर जाकर फैसला करेंगे। इस चरण में कुल 1,314 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं और कई प्रमुख सीटें और चेहरों की किस्मत दांव पर होगी।
गुटों की लड़ाई कड़ी मानी जा रही है और इस दौर को राजनीतिक मायने में महत्वपूर्ण कहा जा रहा है क्योंकि कई ऐसे क्षेत्र शामिल हैं जहाँ पिछले चुनावों में मुकाबला काफी करीब रहा था। चुनाव आयोग तथा राज्य प्रशासन ने शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा के सख्त इंतज़ाम किए हैं और हर बूथ पर सशस्त्र बलों की तैनाती तथा वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई है, ताकि बूथ मॉनिटरिंग ऑनलाइन हो सके। मतदान सामान्यतः सुबह 7 बजे शुरू होकर शाम 6 बजे तक रहेगा, हालांकि कुछ संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा कारणों से मतदान समय घटाकर शाम 5 बजे तक किया जा सकता है।
प्रथम चरण में कई बड़े और चर्चित चेहरे मैदान में हैं इनमें राजद के राष्ट्रीय नेतृत्व के चेहरे तथा एनडीए के वरिष्ठ नेता शामिल हैं; साथ ही इस चरण में 14 मंत्रियों का भविष्य भी तय होगा, इसलिए राजनीतिक नजरें विशेष रूप से इन सीटों पर टिकी हुई हैं। इसके अलावा कतिपय इलाके स्थानीय मुद्दों और प्रत्याशियों की लोकप्रियता के आधार पर निर्णायक साबित हो सकते हैं।
वोटिंग के लिए कुल 45,341 मतदान केंद्र बनाए गए हैं और प्रशासन ने मतदाताओं से शांतिपूर्ण तरीके से अपने वोट का प्रयोग करने की अपील की है। मतदाता सुरक्षा, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की व्यवस्था और मतदान कर्मियों की तैनाती पर विशेष ध्यान दिया गया है ताकि प्रक्रिया निर्बाध और पारदर्शी रहे। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि अंतिम मतदाता सूची तथा बूथ-स्तरीय तैयारियाँ सभी प्रत्याशियों और दलों को दिखाई जा चुकी हैं।
उक्त 121 सीटों की पूरी सूची तथा संबंधित जिलों के नाम आधिकारिक स्रोतों में प्रकाशित हैं; जिन जिलों में मतदान होगा उनमें मधेपुरा, सहरसा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सीवान, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, नालंदा, पटना, भोजपुर और अन्य शामिल हैं प्रत्याशियों और स्थानीय राजनीतिक परिदृश्य के हिसाब से इन जिलों में कड़ी टक्कर रहने की संभावना है।
कल के मतदान के बाद राजनीतिक दलों और विश्लेषकों की निगाहें मतगणना के दिन पर टिकेंगी, जब पता चलेगा कि इस पहले चरण के नतीजे राज्य के व्यापक राजनीतिक संतुलन पर किस तरह प्रभाव डालते हैं। प्रशासन तथा चुनाव आयोग ने सभी पक्षों से शांति बनाए रखने और किसी भी अनुचित घटना के बारे में स्थानीय अधिकारियों को सूचित करने की अपील की है। मतदाताओं से भी आग्रह है कि वे समय पर अपने बूथ पहुँचकर लोकतंत्र के इस महात्यौहार में बढ़-चढ़ कर भाग लें।





