जमशेदपुर
क्या आपने कभी राशन कार्ड के लिए आवेदन किया था? उस वक्त आपका राशन कार्ड बना या आवेदन रद्द कर दिया गया? अगर आवेदन रद्द हुआ तो क्या आपने कारण का पता लगाने का प्रयास किया? अगर नहीं किया तो आपको जल्द ही इसके बारे में जानकारी जुटाने की जरूरत है, क्योंकि आपने राशन कार्ड के लिए आवदेन के साथ जो आधार नंबर दिया था, हो सकता है कि उस आधार नंबर का प्रयोग कर पीडीएस डीलर और कोई दूसरा व्यक्ति खाद्यान्न का उठाव कर रहा हो। अगर ऐसा हो रहा है तो पीडीएस डीलर सरकार और प्रशासन को तो अपने फायदे के लिए चूना लगा ही रहे हैं और इसका खामियाजा आपको भुगतना पड़ सकता है, क्योंकि कागजों में तो राशन आप ही खा रहे हैं। साथ ही अगर आपने दुबारा राशन कार्ड बनाने का प्रयास भी किया तो वह नहीं बन पाएगा, क्योंकि इसके लिए आधार नंबर की जरूरत होगी और आपका आधार किसी दूसरे के नाम के साथ जोड़ा जा चुका है। इस स्थिति में आप अपना राशन कार्ड नहीं बनवा सकेंगे।
आपको लग रहा होगा कि यह एक गप्प है, लेकिन यह गप्प नहीं बल्कि पूरी तरह सच है। जमशेदपुर में ऐसा हो रहा है और वह भी राशनिंग विभाग और पीडीएस डीलर्स के सहयोग से। ऐसा इसलिए क्योंकि राशन कार्ड के लिए अप्लाई करने के बाद विभाग के अधिकारी आपके आधार का वेरीफिकेशन करते हैं। इसके बावजूद इस तरह का घोटाला हो रहा है, तो इसमें मिलीभगत से कतई इंकार नहीं किया जा सकता।
जानकारी के मुताबिक बागुनहातु निवासी चंदना कर्मकार ने जब राशन कार्ड के लिए आवेदन दिया तो कार्ड पर केवल उसका ही नाम था, परिवार के अन्य सदस्यों का नहीं। इसके बाद उन्होंने काफी प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी, क्योंकि उनके परिवार के सभी सदस्यों का कार्ड राशन के लिए एक्टिव था, यानी कोई दूसरा उनके राशन कार्ड पर मजे मार रहा है।
चंदना के एक पारिवारिक सदस्य मोहित के आधार नंबर को रोशन खातून के नाम पर जोड़ दिया गया है। अब यहां इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि आखिर रोशन खातून के आधार नंबर का उपयोग कोई दूसरा तो नहीं कर रहा, लेकिन अगर ऐसा है या नहीं भी है, तो भी यह एक बहुत बड़ा स्कैम है। रोशन खातून का राशन कार्ड नंबर 202006300122 और पीडीएस डीलर रमेश चंद्र सिंह है। इसी तरह दीपाली कर्मकार के आधार नंबर का उपयोग कर नाहिद परवीन राशन का उठाव कर रही है। ऐसे कई दूसरे पीडीएस डीलर्स हैं, जिनके द्वारा यह गोरखधंधा किया जा रहा है। इससे एक ओर सही और जरूरतमंद उपभोक्ता को राशन नहीं मिल पा रहा, जबकि उनके ही नाम पर कोई दूसरा मजे मार रहा है।
शहर में ऐसे कई मामले हैं, जिसमें दूसरों के राशन कार्ड का उपयोग कर राशन उठाव का खेल खेला जा रहा है। मामले में जिला के उपायुक्त का कहना है कि जिला प्रशासन द्वारा आधार की गड़बड़ियों के बाद काफी सुधार किया गया और कम उठाव वाले राशन कार्ड को रद्द भी किया गया, लेकिन अब भी इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं, तो निश्चित रूप से मामले की जांच करते हुए संबंधित पीडीऐएस डीलर के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।