जमशेदपुरः सिंहभूम चैंबर आफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के नेतृत्व में बुधवार को पूर्व में लिये गये निर्णय के अनुसार व्यापार मंडल, कोल्हान राईस मिल एसोसिएशन, फ्लावर राईस मिल एसोसिएशन, आलू-प्याज थोक विक्रेता संघ, फल विक्रेता संघ एवं अन्य खाद्यान्न व्यवसायी संघों के के संयुक्त तत्वावधान में उपायुक्त कार्यालय के सक्ष महाधरना दिया गया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज से खाद्यान्न व्यवसायियों और थोक व्यवसाइयों की अनिश्चितकालीन हड़ताल भी शुरू हो गई।
अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने जानकारी दी कि यह काला कानून व्यवसायी हित में नहीं है तथा जनविरोधी और महंगाई बढ़ाने वाला है। सिंहभूम चैंबर इसके विरोध में आंदोलनरत है। इस कानून के विरोध में विभिन्न व्यापारिक संगठनों की भी भागीदारी हो रही है। उन्होंने बताया कि सिंहभूम चैंबर का प्रतिनिधिमंडल झारखंड सरकार के मंत्री बन्ना गुप्ता से मिलकर अपना विरोध जता चुका है तथा पोटका के विधायक संजीव सरदार, जुगसलाई के विधायक मंगल कालिंदी और ईचागढ़ के विधायक से भी मिलकर विरोध जताते हुए इसे वापस करवाने की मांग की है। श्री मूनका ने बताया कि अगले चरण में कोल्हान के अन्य विधायकों से मिलकर इसे वापस लेने का दबाव डाला जायेगा। उन्होंने जनता से भी अपील की है कि इस आंदोलन हेतु वे भी सहयोगात्मक रवैया अपनाएं, क्योंकि इसका असर उनपर भी महंगाई के रूप में पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि इस महाधरना में सैकड़ा की संख्या में शामिल होकर खाद्यान्न व्यवसायियों ने सरकार को संदेश दिया कि व्यापारी एक हैं और सरकार के द्वारा बनाए गए किसी भी कानून जिससे व्यापारियों एवं जनता का अहित होगा तो इसका विरोध किया जायेगा। आज की बंदी में परसुडीह बाजार समित के अलावा जमशेदपुर के विभिन्न क्षेत्रों के बाजार जैसे जुगसलाई, बिष्टुपुर, साकची, कदमा, सोनारी, गोलमुरी, मानगो, सिदगोड़ा, टेल्को, बर्मामाइंस, बिरसानगर इत्यादि क्षेत्र के फुटकर एवं थोक खाद्यान्न व्यापार की दुकानें पूरी तरह दिनभर बंद रहीं। इस बंदी से जमशेदपुर की सभी बाजारों की स्थिति अच्छी नहीं रही।
सिंहभूम चैम्बर उपाध्यक्ष, व्यापार एवं वाणिज्य, नितेष धूत ने भी व्यापारियों से कहा है कि वे कानून के विरोध में चैंबर के नेतृत्व में किए जा रहे आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। उन्होंने कहा कि आज का महाधरना का कार्यक्रम काफी सफल रहा।
सिंहभूम चैंबर के सचिव (व्यापार एवं वाणिज्य) अनिल मोदी ने बताया कि आज के महाधरना में जमशेदपुर के 500 से अधिक व्यवसायी शामिल हुए, जो जमशेदपुर के विभिन्न क्षेत्रों जैसे चाकुलिया, परसुडीह, साकची, बिष्टुपुर, गोलमुरी, सिदगोड़ा, जुगसलाई, सोनारी, कदमा इत्यादि से आकर शामिल हुए थे। वे सरकार के इस जनविरोध कानून बनाये जाने से काफी आक्रोशित हैं और इसे किसी भी सूरत में वापस करवाने हेतु आंदोलनरत हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार इसे वापस नहीं लेती है तो यह आंदोलन और भी व्यापक रूप लेगा।
आज के महाधरना में चैंबर अध्यक्ष विजय आनंद मूनका, मानद महासचिव मानव केडिया, उपाध्यक्ष व्यापार एवं वाणिज्य नितेष धूत, उपाध्यक्ष दिलीप गोलेच्छा, सचिव व्यापार एवं वाणिज्य अनिल मोदी, पीयूष चौधरी, कोषाध्यक्ष किशोर गोलछा, व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष पवन नरेडी, सचिव करण ओझा, सत्यनारायण अग्रवाल, रामू देबुका, पवन शर्मा, मनोज गोयल, मनोज चेतानी, अभिषेक अग्रवाल गोल्डी, मुकेश मित्तल, ओमप्रकाश मूनका, राजकुमार साह, विजय खेमका, ओपी ईनानी, गणेश अग्रवाल, श्याम पटवारी, अनिल कुमार साहू, ओमप्रकाश साह, सन्नी संघी, अमित सरायवाला, बासुदेव रूंगटा, विनीत कुमार रूंगटा, सुशील सिंहानिया, चन्द्रप्रकाष शुक्ला, पारस अग्रवाल, अंषुल रिंगसिया, सुरेश कुमार गुप्ता, राजू कुमार पांडे, संतोष कुमार गोराई, अजय अग्रवाल, उमेश देबुका, प्रिंस सिंह, रंजीत झा, संदीप सिंह सचदेवा, नंदकिशोर अग्रवाल, बिनोद मित्तल, श्याम महेश्वरी, रामप्रकाश सेठी, मनीष जैन, शंभू मूनका, पिंटू महतो के अलावा सैकड़ों की संख्या में खाद्यान्न व्यवसायी उपस्थित थे।