चाकुलिया / जमशेदपुर : पर्यावरण संरक्षण की मिसाल बन चुकीं पद्मश्री श्रीमती जमुना टुडू को देश के सर्वोच्च सम्मान के रूप में राष्ट्रपति भवन से स्वतंत्रता दिवस के रात्रि भोज में शामिल होने का विशेष आमंत्रण मिला है। इस आमंत्रण पत्र को भारतीय डाक विभाग ने नई दिल्ली से लेकर चाकुलिया स्थित उनके घर तक विशेष प्रोटोकॉल के तहत पहुंचाया।
राष्ट्रपति ने आमंत्रित किया स्वतंत्रता दिवस रात्रि भोज में
आमंत्रण पत्र में भारत की महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से 15 अगस्त की संध्या 6 बजे राष्ट्रपति भवन में आयोजित रात्रि भोज में भाग लेने हेतु श्रीमती जमुना टुडू को आमंत्रित किया गया है। इस आमंत्रण को पाकर वे और उनके पति गौरव और भावुकता से भर उठे।
दिहाड़ी मजदूर से पर्यावरण रक्षक तक का प्रेरणादायक सफर
जंगलों की रक्षा के लिए लेडी टारजन के नाम से पहचानी जाने वाली जमुना टुडू कभी दिहाड़ी मजदूरी करती थीं और उनके पति राज मिस्त्री का कार्य करते थे। काम के बाद वे जंगलों में जाकर पेड़ काटने वालों को रोकतीं, समझातीं और गांव वालों में हरियाली की अलख जगाती थीं।
हमलों से भी नहीं डरीं, पेड़ों को बचाने में झोंक दी ज़िंदगी
पर्यावरण के लिए उनके संघर्ष को रोकने के लिए लकड़ी माफियाओं ने उन पर कई बार जानलेवा हमले किए, लेकिन उन्होंने न झुकना सीखा, न रुकना। उनकी बेमिसाल जुझारूपन और योगदान के लिए उन्हें भारत सरकार ने पद्मश्री सम्मान से नवाजा।
भारतीय डाक विभाग का जताया आभार
राष्ट्रपति भवन से आमंत्रण मिलने पर श्रीमती जमुना टुडू भावविभोर हो गईं और इस सम्मान को पर्यावरण के लिए लड़ने वाली हर महिला की जीत बताया। उन्होंने आमंत्रण पत्र को सुरक्षित रूप से पहुंचाने के लिए भारतीय डाक विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों का हृदय से आभार जताया।






