सरायकेला-खरसावां : देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। झारखंड में गरीबों की सरकार होने का दावा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खतियानी जोहार यात्रा निकाल रहे हैं, लेकिन इन सबके बीच झारखंड के गांवों की बदहाल स्थिति की ओर किसी का भी ध्यान नहीं जा रहा है। यहां हम बात कर रहे हैं कोल्हान प्रमंडल के सरायकेला-खरसावां जिले की। जिला के कुचाई प्रखंड में एक ऐसा पंचायत है, जहां के लोग इस 21वीं सदी में भी देश-दुनिया से पूरी तरह अलग-थलग पड़े हैं।
सरायकेला-खरसावां जिला के कुचाई प्रखंड में 10 पंचायत अरवान, बांदोलोहार, बुरुहातु, छोटासेगोई, गोमियाडीह, मारंगहातु, पोंदाकाटा, रोलाहातु, रुगुडीह और तिलोपाड़ा हैं। इनमें गोमियाडीह पंचायत के लोगों की परेशानी ज्यादा है। कुचाई प्रखंड के गोमियाडीह पंचायत में 10 गांव गोमियाडीह, हतनाबेड़ा, ईचाडीह, कांडेरागो, कोरवाडीह, मेरमंगजा, सेलाइडीह, वाडू और जेनालोंगबासिडीह हैं। इनमें से ज्यादातर गांवों में मोबाइल नेटवर्क नहीं है।
अगर आप किसी कारण पंचायत के गांवों में जाते हैं तो गांव पहुंचते ही आपके मोबाइल का नेटवर्क गायब हो जाएगा। इसके बाद आपका संपर्क सभी से कट जाएगा। आप चाहते हुए भी किसी से संपर्क नहीं कर पाएंगे और न ही कोई आपके संपर्क कर सकेगा।
यहां के ग्रामीणों के पास मोबाइल तो है, लेकिन वे गांव में एक खिलौने की तरह है। लोग या तो गेम खेलने या भी गाना सुनने के लिए ही मोबाइल का उपयोग करते हैं। अगर वे गांव से बाहर निकलते हैं तभी उनका मोबाइल नेटवर्क क्षेत्र के संपर्क में आ पाता है।
अगर आप इस पंचायत के किसी गांव में रहने वाले किसी व्यक्ति से संपर्क करना चाहते हैं तो, आप ऐसा नहीं कर सकेंगे, चाहे कितनी भी जरूरी बात क्यों न हो। जब उस गांव के रहने वाले लोग आपसे संपर्क करना चाहेंगे, तभी आपकी उनसे बात हो पाएगी।
ग्रामीणों को किसी से बात करनी होती है तो वे मार्केट जाने के लिए फिक्स दिन को ही मार्केट पहुंचकर बात करते हैं। इस बीच अगर उन्हें किसी से बात करनी हो तो पास स्थित पहाड़ पर चढ़ना होता है, ताकि वे नेटवर्क के संपर्क में आ सकें। पहाड़ पर चढ़कर ही वे किसी से बात करते हैं।