जमशेदपुर : श्रीनाथ यूनिवर्सिटी प्रेक्षागृह में सोमवार को झारखंड राष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव-2025 (छठा संस्करण) की शानदार शुरुआत हुई। फ़िल्म, कला और साहित्य जगत से जुड़े कई प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों की उपस्थिति ने उद्घाटन समारोह को विशेष और ऐतिहासिक बना दिया। पूरे परिसर में कलाकारों, प्रतिभागियों, विद्यार्थियों और फिल्मप्रेमियों का उत्साह देखते ही बन रहा था, मानो झारखंड की धरती पर सिनेमा का एक उत्सव उतर आया हो।
मुख्य अतिथि आदित्यपुर नगर निगम की उपनगर आयुक्त परुल सिंह तथा सह मुख्य अतिथि श्रीनाथ यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. सुखदेव महतो ने दीप प्रज्वलित कर महोत्सव का उद्घाटन किया। मंच पर विशिष्ट अतिथियों के रूप में डॉ. जे.एन. दास, डॉ. ज्योति सिंह, पूरबी घोष, पवन कुमार साव, चंचल भाटिया, नेहा तिवार, ज्योति सेनापति और पूर्व वार्ड पार्षद नीतू शर्मा उपस्थित रहीं।
कार्यक्रम की शुरुआत परिचय व स्वागत संबोधन से हुई, जिसके बाद सांस्कृतिक टीम ने आकर्षक स्वागत नृत्य प्रस्तुत कर पूरे माहौल को जीवंत बना दिया। इसके पश्चात JNFF के संस्थापक संजय सतपथी और राजू मित्रा ने महोत्सव की यात्रा, इसके उद्देश्यों और झारखंड में फ़िल्म संस्कृति को नई दिशा देने के प्रयासों पर विस्तार से प्रकाश डाला। मंच पर अतिथियों को पुष्पगुच्छ और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। अतिथियों ने अपने संबोधन में फ़िल्म महोत्सव की अवधारणा, स्थानीय प्रतिभाओं के अवसर, क्षेत्रीय सिनेमा के महत्व और झारखंड की रचनात्मक ऊर्जा की सराहना की।

महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर चर्चित शॉर्ट फ़िल्म “Silk Coffin” की विशेष स्क्रीनिंग हुई, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। फ़िल्म के विषय, प्रस्तुति और निर्देशन की प्रशंसा करते हुए दर्शकों ने इसे झारखंड की नई सिनेमाई सोच का उदाहरण बताया। महोत्सव के आयोजन में संस्थापकों के साथ क्रिएटिव डायरेक्टर शिवांगी सिंह और डॉ. शालिनी प्रसाद की भूमिका अत्यंत प्रभावी और प्रेरक रही।
08 से 13 दिसंबर तक चलने वाले इस महोत्सव में 09 से 12 दिसंबर के बीच विभिन्न श्रेणियों में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय फ़िल्मों का प्रदर्शन होगा। समापन एवं पुरस्कार समारोह (Award Night) 13 दिसंबर को XLRI, जमशेदपुर में आयोजित किया जाएगा, जिसमें श्रेष्ठ फ़िल्मों, निर्देशकों, कलाकारों और तकनीकी विशेषज्ञों को सम्मानित किया जाएगा।
कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी अतिथियों, फिल्मकारों, प्रतिभागियों, छात्रों, स्वयंसेवकों और आयोजन टीम का उल्लेखनीय योगदान रहा। महोत्सव का यह भव्य आगाज़ इस बात का संकेत है कि झारखंड अब भारतीय फ़िल्म जगत में अपनी विशिष्ट पहचान स्थापित करने की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहा है।






