एक्सएलआरआई में नौवें डॉ. वर्गीस कुरियन स्मृति व्याख्यान में शामिल हुए नीति आयोग के वाइस चेयरमैन सुमन बेरी कहा, 2030 तक भारत की 50% गरीबी कम करना और 40% लोगों की आय बढ़ाना नीति आयोग का लक्ष्य
जमशेदपुरः एक्सएलआरआई (XLRI) में डॉ वर्गीस कुरियन स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया गया। यह सतत विकास (सस्टेनेबल डेवपलमेंट) पर 9वां सम्मेलन था, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी उपस्थित थे। कार्यक्रम का उद्घाटन सुमन बेरी ने अतिथियों के साथ दीप प्रज्वलित कर किया। मौके पर श्री बेरी ने कहा कि राष्ट्र के सतत विकास में क्षेत्रीय विकास व स्थानीयकरण (localization) विकास का महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि प्रधानमंत्री लोकल फॉर वोकल (Local For Vocal) की बात करते हैं। राष्ट्र के संपूर्ण विकास के लिए क्षेत्रीय स्तर पर हर क्षेत्र में विकास होना आवश्यक है। कहा कि नीति आयोग द्वारा वर्ष 2030 तक देश के सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने संबंधी जो योजनाएं बनाई हैं, उसमें लोकलाइजेशन को प्रमुख स्थान दिया गया है। कार्यक्रम में स्वागत भाषण एक्सएलआरआई के डायरेक्टर डॉ. एस जॉर्ज जबकि धन्यवाद ज्ञापन संजय पात्रो ने किया, वहीं संस्था का विकास रिपोर्ट टाटा एल रघुराम ने प्रस्तुत किया।
तीन लेवल पर काम करता है लोकलाइजेशन
बेरी ने छात्रों को बताया कि लोकलाइजेशन (localization) तीन स्टेप पर काम करता है। पहला लक्ष्य निर्धारित करना, दूसरा तय मानकों के आधार पर नियमित रूप से हो रहे विकास की निगरानी के साथ हो रहे विकास के कार्यों के प्रति लोगों को जागरूक करना और तीसरा शेयर होल्डरों के साथ समन्वय बनाकर नियमित रूप विकास की गति पर विचार विमर्श करना है। भारतीय लोकलाइजेशन मॉडल चार स्तंभों पर टिका है। पहला कौन सी संस्थाएं इससे जुड़ कर कार्य करेंगी, दूसरा विकास कार्यों की निगरानी के लिए बेहतर सिस्टम का होना और तीसरा सतत विकास को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी निगरानी और चौथा सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास। बेरी ने कहा की नीति आयोग का काम आंकड़ों के आधार पर विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे विकास कार्यों की निगरानी करना है। नीति आयोग का लक्ष्य 2030 तक 50 प्रतिशत गरीबी को कम करने के साथ 40 प्रतिशत लोगों की आय को बढ़ाने की है।
दिसंबर में भारत की अध्यक्षता में होगा जी-20 समिट
सुमन बेरी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने उस समय अपने एजेंडे में सस्टेनेबल डेवलपमेंट के 2030 तक के लक्ष्य को निर्धारित किया जब, प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी ने देश की कमान संभाली और क्लाइमेट चेंज पर हुए पेरिस समझौते में मजबूत लीडरशिप दिखाते हुए भारत के सामाजिक सरोकार आधारित सस्टेनेबल डेवलपमेंट का एजेंडा रखा। सुमन बेरी ने अपने संबोधन में वैश्विक प्रभावों का हवाला देते हुए कहा कि रशिया-यूक्रेन के बीच हुए विवाद को लेकर ग्लोब के दो धड़ों में बंटने के बाद हम वैश्विक स्तर पर अर्थिक विकास को मोर्चे पर कई मुश्किलों से घिरे हैं। इससे पहले हमने पूरे विश्व के समग्र विकास का साझा मापदंड तय किया गया था। इस दौरान उन्होंने कहा कि दिसंबर में भारत की अध्यक्षता में जी-20 समिट होना है। इसमें भारत की लीडरशिप पूरे विश्व को दिखेगी।
योजनाओं की मॉनिटरिंग है आवश्यक
डा. सुमन बेरी ने कहा कि योजनाओं की मॉनिटरिंग होना आवश्यक है, ताकि जमीन हकीकत पता चल सके। यह सतत विकास के लिए आवश्यक कदम है। उन्होंने कहा कि आकांक्षी जिलों की योजना की मॉनिटरिंग करने वे खुद आए हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड में रांची सहित लगभग 19 आकांक्षी जिले हैं, जो राज्य को सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में सुधार हासिल करने में मदद कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, स्वच्छता और शिक्षा क्षेत्रों सहित सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए गहन मॉनिटरिंग से इसके अच्छे रिजल्ट आते हैं।