नई दिल्ली: भारत की डाक सेवाओं में तकनीकी क्रांति का नया अध्याय शुरू हो चुका है। केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री, ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने झारखंड परिमंडल से आईटी 2.0 – उन्नत डाक प्रौद्योगिकी (APT) का शुभारंभ किया। यह पहल भारतीय डाक को तेज़, अधिक विश्वसनीय और नागरिक-केंद्रित सेवाओं के एक नए युग में प्रवेश कराती है।
1.70 लाख से अधिक डाकघर हुए डिजिटल
इस परियोजना के तहत देशभर के 1.70 लाख डाकघर, डाक कार्यालय और प्रशासनिक इकाइयों को APT प्लेटफॉर्म पर लाइव किया गया। यह प्रणाली भारत सरकार के डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया विज़न को गति देती है।
क्या है आईटी 2.0?
APT प्लेटफॉर्म को डाक प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता केंद्र (CEPT) द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है।
यह सिस्टम:
- माइक्रो-सर्विस और ओपन एपीआई आधारित है
- बुकिंग से डिलीवरी तक पूर्ण डिजिटल समाधान प्रदान करता है
- क्यूआर कोड भुगतान, ओटीपी डिलीवरी और DIGIPIN जैसी आधुनिक सुविधाओं से लैस है
- ग्रामीण क्षेत्रों में भी विश्वसनीय कनेक्टिविटी सुनिश्चित करता है
4.6 लाख कर्मचारियों को मिला प्रशिक्षण
इस बदलाव को सफल बनाने के लिए भारतीय डाक ने “प्रशिक्षण – पुनःप्रशिक्षण – नवीनीकरण” की नीति अपनाई। मास्टर ट्रेनर्स और यूज़र चैंपियनों की मदद से 4.6 लाख से अधिक कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया।
सिंधिया ने कहा – डाक सेवाओं का भविष्य बदलने वाला कदम
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा:
“APT भारतीय डाक को विश्वस्तरीय सार्वजनिक लॉजिस्टिक्स संगठन में बदल देगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में यह आत्मनिर्भर भारत के डिजिटल भविष्य की मजबूत नींव है।”
ऐतिहासिक उपलब्धि: एक दिन में 37 लाख डिलीवरी
नई प्रणाली पहले ही एक ही दिन में 32 लाख बुकिंग और 37 लाख डिलीवरी संभालने की क्षमता दिखा चुकी है।
आगे क्या?
इस डिजिटल क्रांति के साथ भारतीय डाक ने न सिर्फ अपनी सेवा क्षमता बढ़ाई है, बल्कि ग्रामीण-शहरी डिजिटल खाई को पाटने और वित्तीय समावेशन को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है।






