- जनहित में याचिका दाखिल, कोर्ट ने जताई गहरी चिंता — युवा पीढ़ी को बर्बादी से बचाने की मांग
नई दिल्ली : ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स पर रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सभी राज्यों, गूगल इंडिया और एप्पल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। याचिका ईसाई धर्म प्रचारक के. ए. पॉल द्वारा दाखिल की गई थी, जिसमें इन ऐप्स को युवा पीढ़ी के लिए “डिजिटल जुआ” बताया गया है।
सुनवाई के मुख्य बिंदु:
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामला जनहित से जुड़ा है और इस पर गंभीरता से विचार की आवश्यकता है।
- अगली सुनवाई में ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स पर अंतरिम रोक पर निर्णय लिया जाएगा।
- पहले की सुनवाई में केंद्र सरकार को भी नोटिस जारी किया गया था।
तेलंगाना में 1023 आत्महत्याएं?
याचिका में चौंकाने वाला दावा किया गया कि तेलंगाना में 1,023 युवाओं ने सट्टेबाजी ऐप्स की लत के चलते आत्महत्या की है।
बॉलीवुड-टॉलीवुड के सितारे भी निशाने पर
करीब 25 अभिनेता और कई सेलिब्रिटी खिलाड़ी इन प्लेटफॉर्म्स का प्रचार कर रहे हैं, जिससे युवा वर्ग गुमराह हो रहा है।
ईडी का बड़ा खुलासा
- 28 जुलाई को Google और Meta को दिल्ली स्थित ईडी कार्यालय में पूछताछ के लिए समन जारी किया गया था।
- आरोप है कि इन प्लेटफॉर्म्स पर सट्टेबाजी ऐप्स को विज्ञापन के जरिए प्रमोट किया गया।
- स्किल गेमिंग के नाम पर चल रहा जुआ — करोड़ों की अवैध कमाई हवाला चैनलों से की गई ट्रांसफर।
अब क्या हो सकता है?
सुप्रीम कोर्ट अगली सुनवाई में ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स पर अंतरिम रोक का आदेश दे सकता है। इससे बड़ी संख्या में चल रहे ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स की गतिविधियों पर तगड़ा असर पड़ सकता है।






