देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज से केरल के चार दिवसीय दौरे पर रवाना होंगी। यह दौरा न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ा है, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक और शैक्षणिक विरासत से भी उनका गहरा संबंध स्थापित करेगा। राष्ट्रपति अपने इस दौरे के दौरान कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में शिरकत करेंगी और केरल की आध्यात्मिक परंपराओं का अनुभव लेंगी।
राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, राष्ट्रपति मुर्मू 21 अक्टूबर की शाम को तिरुवनंतपुरम पहुंचेंगी, जहाँ राज्य सरकार के अधिकारी और गणमान्यजन उनका स्वागत करेंगे। 22 अक्टूबर को वह प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में भगवान अयप्पा स्वामी के दर्शन करेंगी और शाम की आरती में सम्मिलित होंगी। यह पहली बार होगा जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सबरीमाला मंदिर का दौरा करेंगी।
दौरे के दूसरे दिन, यानी 23 अक्टूबर को राष्ट्रपति तिरुवनंतपुरम के राजभवन में पूर्व राष्ट्रपति के. आर. नारायणन की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण करेंगी। पूर्व राष्ट्रपति नारायणन को केरल की प्रगतिशील सोच और शिक्षा सुधारों के प्रतीक के रूप में याद किया जाता है। इसी दिन वह वर्कला स्थित शिवगिरी मठ में श्री नारायण गुरु की महासमाधि शताब्दी समारोह का उद्घाटन भी करेंगी। यह समारोह समाज सुधारक श्री नारायण गुरु के योगदान और उनके सार्वभौमिक मानवतावादी विचारों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित किया जा रहा है।
अपने दौरे के अंतिम चरण में, 24 अक्टूबर को राष्ट्रपति मुर्मू पलाई स्थित सेंट थॉमस कॉलेज की प्लैटिनम जयंती समारोह में हिस्सा लेंगी, जहाँ वह छात्रों और शिक्षकों को संबोधित करेंगी। इसके बाद वह एर्णाकुलम स्थित सेंट टेरेसा कॉलेज के शताब्दी समारोह में शामिल होंगी। दोनों संस्थानों को केरल की शिक्षा प्रणाली के स्तंभों में गिना जाता है।
राष्ट्रपति का यह दौरा केरल की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विविधता को और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस यात्रा से केंद्र और राज्य के बीच सांस्कृतिक और शैक्षणिक सहयोग को भी नई दिशा मिलेगी।





