Saraikela : चांडिल के शिक्षकों ने बजाया चेतावनी का बिगुल

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चांडिल (के दुर्गा राव) :सरायकेला-खरसावां जिले के चांडिल प्रखंड में शिक्षकों का सब्र अब टूटता दिख रहा है। चैनपुर स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय में आयोजित मासिक बैठक में क्षेत्र के सभी प्रधानाध्यापकों ने मिलकर चांडिल गोलचक्कर से प्रखंड मुख्यालय तक की जर्जर सड़क पर गहरी चिंता जताई।

“यह सड़क नहीं, मौत का फंदा है” – शिक्षकों का आक्रोश

शिक्षकों ने साफ कहा,

“हर दिन इस रास्ते से गुजरना जान हथेली पर लेकर चलने जैसा है। यह सड़क अब सिर्फ गड्ढों का ढेर नहीं, बल्कि मौत का जाल बन चुकी है।”

यह सड़क न केवल चैनपुर स्कूल, कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय, बुद्ध अकादमी और प्रखंड कार्यालयों को जोड़ती है, बल्कि हजारों ग्रामीणों, अधिकारियों और कर्मचारियों की जीवनरेखा भी है।

हादसों की लंबी लिस्ट, प्रशासन मौन

बीते दो-तीन महीनों में इस सड़क पर 8 से 10 बड़े हादसे हो चुके हैं। कई लोग बुरी तरह घायल हुए, कुछ आज भी बिस्तर पर हैं। फिर भी प्रशासन की चुप्पी से क्षेत्रवासियों में गहरा आक्रोश है।बरसात के मौसम में हालात और भी बिगड़ जाते हैं — कीचड़ और जलभराव के कारण रास्ता घातक जाल में तब्दील हो जाता है।

मांग पत्र सौंपा, अब आर-पार की चेतावनी

बैठक के बाद शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल प्रखंड कार्यालय पहुंचा और प्रखंड विकास पदाधिकारी को एक मांग-पत्र सौंपा। यह पत्र चांडिल अनुमंडल पदाधिकारी, जिला उपायुक्त और स्थानीय विधायक को भी भेजा गया है।

शिक्षकों की मांग है कि –

“इस सड़क की तत्काल मरम्मत कराई जाए, अन्यथा जनहित में आंदोलन होगा।”

आंदोलन की चेतावनी – “सड़क नहीं तो आंदोलन तय”

वरिष्ठ शिक्षक दीपक दत्ता, अमित कुमार महतो, सुदामा माझी, अमर कुमार उरांव, रमन रंजन महतो, भीष्म देव सरदार सहित सैकड़ों शिक्षकों ने चेताया कि –

“यदि शीघ्र पहल नहीं हुई, तो जनता अब सड़कों पर उतरेगी। प्रशासन की खामोशी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

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