जमशेदपुरः क्या आप जानते हैं कि राज्य के करीब 60 अंगीभूत कॉलेजों में पढ़ रहे करीब डेढ़ लाख विद्यार्थियों पर सरकार का एक रुपया भी खर्च नहीं हुआ है। अगर नहीं जानते तो आपको यह जान हैरानी जरूर हुई होगी। यह मामला उजागर किया है झारखंड अंगीभूत महाविद्यालय इंटरमीडिएट संघ के प्रदेश महासचिव राकेश कुमार पांडेय ने। राकेश पांडेय ने एक बयान जारी कर कहा है कि जैक द्वारा 12 वीं (साइंस, आर्टस, कॉमर्स) के जारी परीक्षा परिणाम में विद्यार्थियों की सफलता पर जहां सरकार इतरा रही है वहीं जैक भी झूम रहा है, लेकिन हकीकत जानकर न आपको हैरानी होगी बल्कि सरकार भी सोचेगी की राज्य के लगभग 60 अंगीभूत कॉलेजों में चल रहे इंटरमीडिएट से लगभग 1,50,000 विद्यार्थी सफल हुए हैं, लेकिन उन विद्यार्थियों पर सरकार का एक रुपया भी खर्च नहीं हुआ है। यह आज की बात नहीं, बल्कि ऐसा लगभग 22 वर्षों से चल रहा है।
60 कॉलेजों पर सरकार का खर्च है शून्य
राकेश पांडेय ने कहा कि झारखंड सरकार सबको शिक्षा प्रदान करने का नारा देते आई है, लेकिन इन 60 कॉलेजों में चल रहे शिक्षा पर सरकार कोई खर्च नहीं कर रही है, यानी अब तक शून्य खर्च हुआ है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह अन्याय नहीं है?
11वीं की कॉपी जांचेंगे इंटर शिक्षक, लेकिन 12वीं की नहीं
उन्होंने कहा कि जैक का दोहरा रवैया इन 60 कॉलेजों में इंटरमीडिएट के शिक्षकों के प्रति भी रहता है। ये शिक्षक प्रायोगिक परीक्षा ले सकते हैं, आंतरिक परीक्षा का मूल्यांकन कर सकते हैं लेकिन 12वीं के जैक द्वारा आयोजित परीक्षा की उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन नहीं कर सकते। 12वीं की उत्तर पुस्तिका की जांच के लिए जैक इनको अयोग्य मानता है। श्री पांडेय ने सवाल उठाया कि जैक का यह दोहरा चरित्र नहीं तो क्या है कि 12वीं की उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन ये शिक्षक नहीं करेंगे, लेकिन 11वीं का करेंगे, जिसमें पैसा नहीं देना है।
शिक्षा मंत्री और सचिव से मिलेगा संघ
राकेश पांडेय ने कहा कि अगले सप्ताह इस विषय को लेकर संघ का एक प्रतिनिधिमंडल राज्य के स्कूली शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो और सचिव राजेश शर्मा से मिलकर इन समस्याओं के समाधान का प्रयास करने की मांग करेगा। इसके साथ ही संघ 60 कॉलेजों में चल रहे इंटरमीडिएट के शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मचारियों के लिए अनुदान देने का मांग भी करेगा।