करीब दो वर्ष पूर्व काफी जद्दोजहद के बाद यूसिल कॉलोनी की सुरक्षा के लिए कम्पनी द्वारा करोडो रूपया खर्च कर बनाई गयी ईंट की दीवार का एक बड़ा हिस्सा तोड़ दिया गया है . और यह काम किया है यूसिल शिव मंदिर से सटे गुर्रा नदी पर छठ घाट का निर्माण कर रहे संवेदक ने .
वैसे यह छठ घाट निर्माण के साथ ही विवादों में आ गया है . क्योंकि यहाँ करीब तीन वर्ष पूर्व विधायक लक्ष्मण टुडू के विधायक निधि से छठ घाट का निर्माण किया गया था . जिसके बाद एक बार फिर वर्तमान विधायक रामदास सोरेन ने हाल ही में छठ घाट के विस्तारीकरण के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया था . मगर 14 वें वित्त आयोग से दक्षिणी ईचड़ा पंचायत के विकास के लिए आवंटित राशि को खर्च करने की जल्दी में दो संवेदकों को आनन -फानन में प्रखंड विकास पदाधिकारी मुसाबनी द्वारा चेजिंग रूम बनाने के लिए काम दे दिया गया . और इसमें मुखिया मंजरी बांद्रा की स्वीकृति भी नहीं ली गयी. हद तो तब हो गयी जब चेंजिंग रूम की जगह घाट का निर्माण शुरू कर दिया गया . मुखिया मंजरी ने तत्काल कार्यस्थल पर जाकर काम को रुकवा दिया . सूत्र बताते हैं की इसके बाद संवेदक ने प्रखंड विकास पदाधिकारी को फोन किया और मुखिया के आदेश को दरकिनार कर काम को फिर से चालू कर दिया गया . इतने से काम के लिए दो संवेदकों को अनुमानित राशि करीब 10 लाख में यह काम दिया गया है . जबकि काम प्राक्कलित राशि के निर्धारण के बाद देना था . मगर सारे नियमो को ताक पर रखकर और मुखिया को दरकिनार कर इस काम को चालू करवा दिया गया . है न कमाल की बात की जिस पंचायत में काम हो रहा है उसकी मुखिया को ही नहीं पता है की काम क्या है और कौन कर रहा है ? उसे पता तब चलेगा जब राशि निकासी के लिए फाइनल बिल उसके पास हस्ताक्षर करने के लिए पहुंचेगा .
वैसे भी दक्षिणी ईचड़ा पंचायत का अधिकतर क्षेत्र यूसिल कम्पनी के अधीन अधिगृहित क्षेत्र में आता है . यहाँ काम करने के लिए कम्पनी प्रबंधन की अनापत्ति प्रमाण -पत्र जरुरी है . मगर जब बड़े साहब का हाथ बिचौलिओं के सर पर है तो नियमो की फ़िक्र किसे है ? घटिया काम करो और सरकारी रूपया का बंदरबांट कर लो हिसाब मांग ले इतनी किसकी मजाल ?
यूसिल के एक वरिष्ठ अधिकारी से पूछने पर उन्होंने मुखिया या पंचायत को ऐसे किसी भी काम के लिए किसी भी तरह का अनापत्ति प्रमाण -पत्र निर्गत करने से अपनी अनभिज्ञता जाहिर की .
भाजपा के जिला प्रवक्ता बिनोद सिंह ने मुसाबनी प्रखंड को सरकारी धनराशी के लूट का अड्डा बताते हुए कहा है की इस प्रखंड में कई ऐसे काम हुए है जो केवल कागजो पर ही सीमित हैं या होने के तुरंत बाद ही ध्वस्त हो गए हैं . और इसके बाद भी सभी दागी संवेदकों को भुगतान के साथ ही फिर से काम दिया जा रहा है . जो जांच का विषय है . उन्होंने दक्षिणी ईचड़ा पंचायत में हुए विकास कार्यों को सबसे घटिया स्तर का बताते हुए जांच करवाने की बात कही है .