जमशेदपुर
सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर का रविवार को 92 साल की उम्र में निधन हो गया। पूरा देश उन्होंने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। वहीं उनका एक फैन ऐसा भी है जिसने अनोखे अंदाज में स्वर कोकिला को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। लता मंगेशकर ये फैन हैं त्रिलोचन नाग।
मूलत: पटमदा के रहने वाले त्रिलोचन नाग को 3 साल की उम्र से ही गाना सुनने का शौक था। जहां भी गाना बजता था वे सुनने चले जाते थे। लता मंगेशकर लता दीदी कहकर पुकारने वाले त्रिलोचन उनके निधन से काफी मर्माहत हैं। त्रिलोचन रिक्शा चलाते हैं, लेकिन उनके निधन की खबर मिलते ही उन्होंने न रिक्शा चलाया और न ही कुछ खाया। उन्होंने अनोखे अंदाज में स्वर कोकिला को श्रद्धांजलि दी।
त्रिलोचन नाग जब बड़े हुए तो उन्होंने लता मंगेशकर के गानों के कैसेट जमा करना शुरू कर दिया। आज उनके पास लता मंगेशकर के गानों के 5000 से भी ज्यादा कैसेट हैं। आज उन्होंने इन सभी कैसेट को सामने रख लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि दी। आज के समय में ये कैसेट भले ही आउटडेटेड हो चुके हैं और उनकी जगह सीडी ने ले ली है, लेकिन अब ये कैसेट त्रिलोचन के लिए धरोहर की तरह हैं।
13 वर्ष की उम्र में ही त्रिलोचन घर छोड़कर जमशेदपुर आ गए। यहां होटल में काम करते हुए अपनी एक रिक्शा भी खरीदी और अब वही रिक्शा त्रिलोचन के जीविकोपार्जन का साधन है। रिक्शा चलाने से जो आमदनी होती थी, उसमें से कुछ जमाकर उसने एक टेप रिकॉर्डर खरीदा। इतना ही नहीं लता मंगेशकर के सभी गानों के कलेक्शन वाले कैसेट भी खरीदता चला गया। खास बात यह है कि वह अपने रिक्शा में ही एक स्पीकर लगाकर और गानों के कैसेट से भरा संदूक लेकर घूमता है। दिनभर वह लता मंगेशकर का गाना सुनते हुए सवारी को गंतव्य तक पहुंचाता है। रिक्शा में बैठने वाले लोग भी गाने का लुत्फ उठाते हैं। यह सिलसिला पिछले 43 वर्षों से निरंतर चला आ रहा है।