आज भगवान श्री हनुमान की जयंती है। हनुमान जी का जन्म चैत्र शुक्ल की पूर्णिमा तिथि को हुआ था। इस बार हनुमान जयंती का का खास महत्व है। वह इसलिए कि इस वर्ष 2022 में हनुमान जयंती को दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। इतना ही नहीं यह दुर्लभ संयोग पूरे 31 साल बाद बन रहा है। इससे पहले ऐसा संयोग वर्ष 1991 में बना था। खास बात यह है कि उस दिन भी शनिवार झा और शनि देव मकर राशि में ही थे। ऐसे में यह दिन काफी शुभ है। अब यहां आपको यह भी बता देते हैं कि हनुमानजी का झारखंड और बिहार से भी नाता रहा है। कारण यह है कि उनका जन्म अविभाजीत बिहार अब झारखंड में ही हुआ था।
वैसे तो हनुमानजी के जन्म स्थान को लेकर कई तरह के मिथक हैं। किसी शास्त्र यहां तक की रामायण में इस बारे में कोई खास जानकारी नहीं उपलब्ध है। भले ही हनुमानजी के जन्मस्थान को लेकर अलग-अलग धारणाएं हों, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चित और महत्वपूर्ण स्थान झारखंड में ही है। झारखंड के गुमला जिले के आंजन धाम में हनुमानजी का जन्म हुआ था। इस क्षेत्र का नाम भी हनुमानजी की माता अंजनी के नाम पर पड़ा है।
आंजन धाम पहाड़ों के बीच है और दूर-दराज से भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं। यहां काफी संख्या में शिवलिंग भी है। मान्यता है कि वे हर दिन अलग-अलग तालाब में स्नान करती थीं और स्नान के बाद पहले शिवलिंग के दर्शन करती थीं।
खास बात है कि हनुमान जी यहां मां अंजनी की गोद में विराजमान है। यहीं पर पंपासुर नामक एक सरोवर है। कहा जाता है कि इसी सरोवर में भगवान श्रीराम और लक्ष्मण ने स्नान किया था।
यहां जिस गुफा को हनुमान गुफा के रुप में जाना जाता है, यानी जहां हनुमानजी के जन्म की मान्यता है उसका द्वारा बंद है। स्थानीय लोगों के मुताबिक आदिवासियों द्वारा यहां बकरे की बलि दिए जाने से नाराज होकर माता अंजनी ने इस गुफा के द्वार को बंद कर दिया था और तब से यह गुफा आज भी बंद है।