जमशेदपुरः टेल्को को-ऑपरेटिव सोसायटी चुनाव में जो अंदेशा था और जो कयास लगाए जा रहे थे वह पूरी तरह सच साबित हो रहा है। चुनाव में पूरी तरह से प्रबंधन की मनमानी देखने को मिल रही है। मतदान शुरू होने के साथ ही यह कहा जाने लगा कि सेक्रेट्री के पद पर तो अमितेश पांडेय ही जीत रहे हैं, आखिर प्रबंधन के लोग ऐसा क्यों कह रहे हैं, यह समझना किसी के लिए भी कोई टेढ़ी खीर नहीं।
को-ऑपरेटिव सोसाइटी मजदूरों की सोसाइटी है। इसमें मजदूरों का पैसा रहता है, लेकिन कार्यकारिणी के सदस्यों को छोड़ तीन महत्वपूर्ण पदों चेयरमैन, सचिव और कोषाध्यक्ष पद पर प्रबंधन के लोग ही काबिज होते रहे हैं। सालों से यह परिपाटी चली आ रही है और अब मजदूर भी यह मान कर चलने लगे हैं कि ये तीनों पद प्रबंधन के लोगों के लिए ही रिजर्व है।
72 वर्षों बाद इस परिपाटी को तोड़ने की हिम्मत एक मजदूर रूद्र प्रताप सिंह ने जुटाई है, लेकिन मजदूरों को नौकरी का डर दिखाकर प्रबंधन उन्हें अपने सचिव के पक्ष में मतदान करने के लिए दबाव बना रहा है। यही कारण है कि चुनाव कार्यसमिति के सदस्यों तक को चुनाव स्थल पर जाने नहीं दिया जा रहा है।
कंपनी से निलंबित वर्तमान कार्यकारिणी सदस्य अभय कुमार सिंह, सोसाइटी के सदस्य हैं। इस बार दो बार से ज्यादा चुनाव न लड़ने का नियम बताते हुए उन्हें चुनाव की रेस से बाहर कर दिया गया। अब जब वे कार्यसमिति में होने के नाते चुनाव स्थल पर जाने के लिए पहुंचे तो गेट पर उन्हें रोक दिया गया।
खास बात यह है कि सोसाइटी का चुनाव कंपनी परिसर के अंदर हो रहा है और प्रबंधन अपने मुताबिक ही लोगों को अंदर जाने की अनुमति दे रहा है। अभय कुमार सिंह को गेट पर रोक दिया गया और कहा गया कि वे केवल 3 बजे के बाद वोट देने के लिए अंदर आ सकते हैं और वोट देने के बाद बाहर निकलना होगा। इस बात का अभय सिंह ने विरोध जताया और कहा कि प्रबंधन अपना खेल करने के लिए ही उन्हें अंदर जाने से रोक रहा है।
इतना ही नहीं कार्यकारिणी के उन सात सदस्यों जिन्होंने चुनाव पर आपत्ति जताई थी, उन्हें भी केवल वोट देने के लिए ही अंदर जाने की अनुमति दी गई। हालांकि अभय सिंह ने मामले की शिकायत सहायक निबंधक से की, लेकिन उन्होंने उनकी शिकायत पर कुछ भी एक्शन लेने से इंकार करते हुए कहा कि चुनाव की रिपोर्ट मिलने के बाद ही वे किसी कार्रवाई पर विचार करेंगे।
अभय सिंह ने कहा कि चुनाव पदाधिकारी ने बाद में उन्हें फोन कर आने को कहा, लेकिन एक बार फिर से उन्हें गेट पर रोक दिया गया और कहा गया कि उन्हें केवल वोट देने के लिए अंदर आना है और वह भी तीन बजे।
आरोप है कि प्रबंधन सचिव पद के उम्मीदवार अमितेश पांडेय को जीताने के सारे हथकंडे अपना रहा है और इसके लिए हर प्रयास किए जा रहे हैं। मजदूरों को आशंका है कि रूद्र प्रताप को चुनाव में हराने के बाद प्रबंधन उनके खिलाफ प्रताड़ना की कार्रवाई शुरू करेगा, यही कारण है कि किसी भी ऐसे व्यक्ति को चुनाव स्थल तक जाने नहीं दिया जा रहा, जो उनकी इस मनमानी का गवाह बने और इसका विरोध करे।
सोसाइटी सदस्य अभय सिंह ने आरोप लगाया कि चुनाव पदाधिकारी भी प्रबंधन के साथ मिलकर अपनी मनमानी कर रहे हैं और प्रबंधन के मुताबिक ही कार्य कर रहे हैं। वे इसका विरोध करेंगे और मामले को आगे तक ले जाएंगे।