Jharkhand : भारत का पहला ‘माइनिंग टूरिज्म’ शुरू — अब झारखंड में खदानों की रोमांचक दुनिया का लें अनुभव

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  • “अब खदानें सिर्फ खनन के लिए नहीं, पर्यटन और ज्ञान का नया केंद्र बनेंगी”

रांची/जमशेदपुर : झारखंड सरकार ने देश के पहले “खनन पर्यटन” (Mining Tourism) की शुरुआत करते हुए एक नया और अनोखा आयाम जोड़ा है। अब राज्य की बंद कोयला खदानें आम जनता के लिए खुल चुकी हैं, जहां लोग खनन की प्रक्रिया, इतिहास और तकनीकी पहलुओं को नजदीक से देख सकेंगे। इस योजना की शुरुआत हजारीबाग जिले के उत्तर उरीमारी माइंस से की गई है।

प्रोजेक्ट का मकसद
राज्य की औद्योगिक विरासत को दर्शाने, स्थानीय आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और युवाओं में विज्ञान व तकनीकी रुचि पैदा करना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। “अन्वेषण करें, सीखें, अनुभव करें” थीम के साथ शुरू हुई इस योजना का संचालन झारखंड पर्यटन विकास निगम लिमिटेड (JTDCL) और सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) के संयुक्त प्रयास से होगा।

दो प्रमुख टूरिज्म रूट्स — पैकेज डिटेल:

रजरप्पा रूट – ₹2800 + GST प्रति व्यक्ति

  • रजरप्पा ओपन-कास्ट खदान का दौरा
  • रजरप्पा मंदिर और डैम विज़िट
  • गाइडेड टूर, सुरक्षा गियर, जलपान व ट्रांसपोर्ट शामिल

पतरातू रूट – ₹2500 + GST प्रति व्यक्ति

  • पतरातू थर्मल पावर स्टेशन भ्रमण
  • मॉडल कोल माइन प्रोजेक्ट व पतरातू घाटी टूर
  • पर्यावरण पुनर्स्थापन प्रक्रिया की जानकारी
  • गाइड, ट्रांसपोर्ट व जलपान शामिल

सुरक्षा और गाइडेंस

हर दौरे में CCL द्वारा प्रशिक्षित गाइड उपलब्ध होंगे। सभी पर्यटकों को खदान में प्रवेश से पहले सुरक्षा दिशा-निर्देशों और प्रोटोकॉल से अवगत कराया जाएगा।

झारखंड क्यों?

खनिज संसाधनों से समृद्ध यह राज्य अब न केवल उद्योग, बल्कि पर्यटन के मानचित्र पर भी एक नई पहचान बना रहा है। लौह अयस्क, कोयला, तांबा और अभ्रक उत्पादन में अग्रणी होने के कारण यह राज्य माइनिंग टूरिज्म का सबसे उपयुक्त केंद्र बनता है।

बुकिंग जानकारी

इस रोमांचक अनुभव के लिए बुकिंग अब खुली है। इच्छुक पर्यटक संपर्क करें:
📧  jtdcltd@gmail.com

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