नई दिल्ली / जमशेदपुर : जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो ने संसद भवन में लोकसभा नियम 377 के तहत एक अहम मुद्दा उठाते हुए घाटशिला और बहरागोड़ा के बीच एम्स (AIIMS) अस्पताल की स्थापना की प्रबल मांग की। उन्होंने कहा कि झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर कमी है, जिससे स्थानीय लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
देवघर एम्स 350 किमी दूर, इलाज बनता है बोझ
वर्तमान में झारखंड का एकमात्र एम्स देवघर में है, जो जमशेदपुर से करीब 350 किलोमीटर दूर है। लंबी यात्रा, आर्थिक बोझ और चिकित्सा संसाधनों की कमी के चलते मरीजों को इलाज के लिए गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
सीमावर्ती आदिवासी क्षेत्रों को होगा सीधा लाभ
सांसद ने बताया कि घाटशिला-बहरागोड़ा क्षेत्र, जहां बड़ी संख्या में आदिवासी और अनुसूचित जाति के लोग निवास करते हैं, स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में उपेक्षित हैं। एम्स जैसे संस्थान की स्थापना से इन समुदायों को बेहतर, सुलभ और आधुनिक इलाज मिल सकेगा।
तीन राज्यों को मिलेगा लाभ
उन्होंने यह भी जोर दिया कि proposed एम्स सिर्फ जमशेदपुर ही नहीं, बल्कि ओडिशा और बंगाल के सीमावर्ती जिलों को भी स्वास्थ्य सुविधाओं से जोड़ने का कार्य करेगा। इससे पूर्वी भारत के करोड़ों लोगों को राहत मिल सकती है।
“यह केवल एक अस्पताल नहीं होगा, बल्कि पूरे क्षेत्र के जीवन स्तर को ऊपर उठाने का माध्यम बनेगा”
– विद्युत वरण महतो, सांसद जमशेदपुर






