- “अब सिर्फ माल्यार्पण नहीं, शहीदों के सपनों को पूरा करने का वक्त है”
जमशेदपुर : झारखंड आंदोलन के नायक शहीद निर्मल महतो के शहादत दिवस पर सांसद बिद्युत वरण महतो ने आज दिल्ली से लौटते ही बिष्टुपुर के चमरिया गेस्ट हाउस स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
“झुके नहीं, बलिदान हुए – तब जाकर बना ये झारखंड”
श्रद्धांजलि देते हुए सांसद ने कहा –
“आज जिस झारखंड में हम खड़े हैं, वो उन शहीदों के लहू से सींचा गया है, जिन्होंने सत्ता के खिलाफ लड़ते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। ये सिर्फ राज्य नहीं, बलिदानों की विरासत है।”
“आज सत्ता के लोग शहीदों के नाम पर कुर्सी ले रहे हैं, पर उनके आदर्शों को कुचल रहे हैं”
भावनात्मक स्वर में सांसद महतो ने तीखा प्रहार करते हुए कहा:
“झारखंड आंदोलन का सपना था – समानता, न्याय और सम्मान से भरा समाज। लेकिन आज ये राज्य भ्रष्टाचार, तुष्टिकरण और सत्ता की लूट का अड्डा बन गया है। ये शहीदों का अपमान है, और ये हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
“निर्मल महतो के सपनों का झारखंड अब भी अधूरा है – चलिए, हम उसे पूरा करें”
सांसद ने जनता से जोश भरा आह्वान किया:
“अब समय आ गया है कि शहीदों की कुर्बानी को सिर्फ फूल-मालाओं से नहीं, उनके सपनों को साकार करके सम्मान दिया जाए।
आइए, हम सब मिलकर ऐसा झारखंड बनाएं जहाँ हर वर्ग को न्याय, युवाओं को रोजगार और आदिवासियों को उनका हक़ मिले। यही निर्मल महतो का सपना था — और यही हमारा संकल्प है।”
“निर्मल महतो अमर रहें” के नारों से गूंजा माहौल
इस कार्यक्रम में सैकड़ों स्थानीय नेता, समाजसेवी, आंदोलनकारी और आम नागरिक मौजूद रहे। पूरा स्थल ‘निर्मल महतो अमर रहें’ और ‘शहीदों को न्याय दो’ जैसे नारों से गूंजता रहा। माहौल गमगीन था लेकिन जोश से भरा हुआ।






