जमशेदपुर : भाई-बहन के अटूट रिश्ते और स्नेह का पर्व रक्षाबंधन घाघीडीह सेंट्रल जेल में भावनाओं और सख्त सुरक्षा के बीच मनाया गया। शहर के अन्य इलाकों की तरह यहां भी बहनों ने अपने भाइयों को राखी बांधी, लेकिन यह मिलन सलाखों के पार से हुआ—जहां प्यार, उम्मीद और आंसुओं का संगम देखने को मिला।
जेल प्रशासन ने इस खास दिन के लिए कड़े इंतजाम किए। बहनों को 5-5 के समूह में अंदर जाने की अनुमति दी गई। प्रवेश से पहले महिला पुलिसकर्मियों ने पूरी तलाशी ली और केवल राखी, मिठाई व पारंपरिक पूजा सामग्री ही ले जाने की अनुमति दी गई। किसी भी इलेक्ट्रॉनिक सामान या अतिरिक्त वस्तु पर सख्त पाबंदी थी।
लोहे के गेट के पार कैदियों ने अपने हाथ बाहर निकालकर बहनों से राखी बंधवाई। तिलक, आरती और मिठाई के साथ यह पवित्र बंधन निभाया गया। इस दौरान कहीं मुस्कुराहटें थीं तो कहीं आंखें नम—मिलन की खुशी और जुदाई की कसक दोनों साथ महसूस हुईं।
बहनों ने भगवान से प्रार्थना की कि अगली बार उन्हें जेल की दीवारों के पार नहीं, बल्कि अपने घर में भाइयों को राखी बांधने का अवसर मिले। कई बहनों ने उम्मीद जताई कि उनके भाई जल्द रिहा होकर समाज में नई शुरुआत करेंगे।
जेल अधीक्षक ने कहा कि ऐसे अवसर कैदियों को परिवार के महत्व और रिश्तों की अहमियत समझाते हैं, साथ ही उन्हें सकारात्मक सोच अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं।
घाघीडीह सेंट्रल जेल में मनाया गया यह रक्षाबंधन इस बात का प्रमाण है कि प्यार और अपनापन किसी ताले, दीवार या सलाख से नहीं रुक सकता।






