नई दिल्ली : अमेरिका की भारत विरोधी बयानबाजी और टैरिफ विवाद के बीच चीन के विदेश मंत्री वांग यी सोमवार को तीन दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंचे। इस दौरे को कूटनीतिक हलकों में बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि यह सीधे तौर पर अमेरिका को संदेश देने जैसा है।
प्रधानमंत्री मोदी से होगी मुलाकात
कार्यक्रम के अनुसार, वांग यी सोमवार शाम 4:15 बजे दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर पहुंचे। इसके बाद उन्होंने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से हैदराबाद हाउस में मुलाकात की। मंगलवार को उनका शेड्यूल और भी अहम है—शाम 5:30 बजे उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर तय है।
सीमा विवाद पर होगी अहम बैठक
दौरे के दौरान वांग यी भारत-चीन सीमा प्रश्न पर विशेष प्रतिनिधियों की 24वीं बैठक में भी शामिल होंगे। यहां उनकी चर्चा भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से होने की संभावना है। यह बैठक पूर्वी लद्दाख में 2020 के गतिरोध के बाद दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक संबंधों को सामान्य करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।
संबंधों में सुधार की उम्मीद
विशेषज्ञ मानते हैं कि वांग यी का यह दौरा भारत और चीन के रिश्तों में सुधार की नई संभावनाओं को जन्म दे सकता है। चीन पहले ही कैलाश-मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू कर चुका है और भारत ने चीनी पर्यटकों को वीजा जारी करना शुरू कर दिया है। ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि दोनों देश सितंबर की शुरुआत में सीधी फ्लाइट्स शुरू कर सकते हैं। इस पर औपचारिक घोषणा पीएम मोदी की चीन यात्रा के दौरान, अगस्त के अंत में एससीओ शिखर सम्मेलन में होने की उम्मीद है।
कूटनीतिक मायने
यह दौरा न सिर्फ द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने की दिशा में एक अहम कदम है, बल्कि वैश्विक राजनीति में भी भारत-चीन समीकरणों के लिए संदेशवाहक है। अमेरिका-भारत-चीन त्रिकोणीय रिश्तों के बीच यह यात्रा नई कूटनीतिक दिशा दिखा सकती है।






