जमशेदपुर : टाटा मोटर्स में शनिवार को बहुप्रतीक्षित बोनस समझौता 2025 संपन्न हुआ। लंबे समय से चल रही वार्ताओं के बाद यूनियन और प्रबंधन के बीच समझौता हुआ, जिससे मजदूरों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई।
समझौते के बाद जब यूनियन अध्यक्ष शशि भूषण प्रसाद और महामंत्री आरके सिंह कंपनी परिसर से बाहर निकले, तो मजदूरों ने ढोल-नगाड़ों और आतिशबाजी के साथ उनका जबरदस्त स्वागत किया। खुले वाहन में जुलूस के रूप में नेता यूनियन कार्यालय पहुंचे, जहां महिला कर्मचारियों ने फूल-मालाओं से उनका अभिनंदन किया।
बोनस वितरण का गणित
-
अधिकतम बोनस – ₹75,223
-
औसत बोनस – ₹50,160
-
लगभग 7,000 मजदूरों को लाभ
-
करीब 1300 कर्मचारियों को 8.33% बोनस
-
सेवानिवृत्त कर्मियों को मिलेगा ₹15,048
इस बार के बोनस की खास बातें
-
बोनस दर 12.3% (पिछले साल से 1.3% ज्यादा)
-
375 अस्थाई कर्मियों का स्थाईकरण
-
148 टीएमएसटी और अप्रेंटिस कर्मियों को डिप्लोमा के बाद स्थाई नौकरी
-
यूनियन का दावा – “यह समझौता सिर्फ रकम नहीं, भविष्य की सुरक्षा भी सुनिश्चित करता है।”
नेताओं के बयान
महामंत्री आरके सिंह – “यह यूनियन हर वर्ग का ख्याल रखती है। बोनस राशि का सदुपयोग करें।”
अध्यक्ष शशि भूषण प्रसाद – “तीन माह की मेहनत के बाद आज मेहनतकश साथियों को बड़ी राहत मिली।”
सलाहकार प्रवीण सिंह – “बोनस से बड़ी उपलब्धि कर्मचारियों का स्थाईकरण है। आगे भी कई अहम मुद्दों पर काम होगा।”
प्रबंधन और यूनियन की मौजूदगी
समझौते के दौरान प्रबंधन की ओर से सीएचआरओ सीताराम कांडी, वीपी विशाल बादशाह, प्लांट हेड सुनील तिवारी, एचआर हेड प्रणव कुमार और ईआर हेड सौमिक रॉय मौजूद थे। वहीं यूनियन की ओर से अध्यक्ष, महामंत्री और अन्य पदाधिकारी बैठक में शामिल रहे।
दुर्गा पूजा से पहले हुए इस ऐतिहासिक बोनस समझौते ने न सिर्फ मजदूरों की झोली भर दी, बल्कि स्थाईकरण और नियुक्ति के वादे से भविष्य को भी सुरक्षित बनाया।






