Mohit Kumar
दुमका : यूं तो शिक्षा को लेकर सरकार के कई सारे दावे हैं, पर जमीनी हकीकत क्या है, आप इन तस्वीरों में साफ तौर पर देख सकते हैं। झारखंड शिक्षा परियोजना के सामने आज पूरी तरह किताबों से भरी हुई ट्रक पहुंची। पूछे जाने पर सहायक चालक ने बताया कि गाड़ी में किताबें हैं। अब यहां सवाल यह उठता है कि आधा साल बीत जाने के बाद इतनी भारी मात्रा में किताबें विभाग के पास क्यों भेजी गई और इससे बच्चों को क्या और कितना फायदा होगा।
क्या सरकार को अभी होश आया है। इस विषय पर विभाग के कर्मी भी कुछ भी कहने से परहेज कर रहे हैं। ऑफ द रिकॉर्ड उन्होंने कहा कि सब कुछ हाई लेवल पर होता है, इसमें हम क्या कर सकते हैं।