Mohit Kumar
दुमकाः बिहार के पूर्णिया जिले का इंजीनियरिंग छात्र पीयूष कुमार बीती शाम दुमका के मयूराक्षी नदी में डूब गया। देर रात तक उसी तलाश की गई, लेकिन सफलता नहीं मिली। आज आसपास के मछुआरों ने उसके शव को ढूंढ निकाला। पुलिस शव को फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले गई, जहां पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा।
अपने पुत्र पीयूष के नदी में डूबने की खबर पाकर माता-पिता पूर्णिया से आज सुबह दुमका आए और सीधे बासकीचक गांव पहुंचे। पुलिस भी मौके पर पहुंच चुकी थी। उन्होंने काफी संख्या में जमा आसपास के ग्रामीण और मछुआरों कोई इकट्ठा किया। उन लोगों ने काफी मशक्कत के बाद शव को पानी से बाहर निकाला। पीयूष के शव को देखते ही परिजन चीत्कार कर उठे, जिससे पूरा इलाका गमगीन हो गया।
मृतक छात्र पीयूष के पिता संजीव कुमार पूर्णिया में किसी निजी संस्थान में काम करते हैं। उन्होंने बताया कि पीयूष पश्चिम बंगाल के हल्दिया इंजीनियरिंग कॉलेज में पांचवी सेमेस्टर का छात्र था। उसकी परीक्षाएं समाप्त हुई थी और 11 जुलाई को घर पहुंचने वाला था। उसके साथ पूर्णिया का ही उसका एक दोस्त अमर रहता था। इसी बीच दोनों कल मंगलवार की सुबह कविगुरु एक्सप्रेस से दुमका पहुंचे, जहां उनका एक स्कूली दोस्त गौरव रहता था। बाद में यह घटना घटी। पिता संजीव ने बताया कि उनके दो पुत्रों में पीयूष छोटा है और बड़ा बेटा दिल्ली में पढ़ाई कर रहा है।
इधर पूरे घटनाक्रम के संबंध में पीयूष के दोस्त दुमका निवासी गौरव ने बताया कि हम अपने सोशल मीडिया में बासकीचक गांव स्थित मयूराक्षी नदी के साथ फोटो पोस्ट करते थे, तो उसे पीयूष ने देखा था। जब वह दुमका आया तो कहा चलो बासकीचक चलते हैं। वहां जाकर पीयूष और अमर नहाने की जिद करने लगे। दोनों पानी में उतर गए। इसी बीच पीयूष का पांव फिसल गया और वह गहरे जल में समा गया। गौरव ने बताया कि आसपास में कुछ लोग मछली मार रहे थे, तो हमने उनसे बचाने का आग्रह किया, लेकिन किसी मछुआरे ने मदद नहीं की। वे कहने लगे जाओ पुलिस को सूचित करो। इसी बीच अंधेरा हो गया और शव को नहीं निकाला जा सका। गौरव ने बताया कि अगर समय पर मछुआरे मदद करते तो,उसके मित्र की जान बच सकती थी।