दुमका : गोड्डा जिले के बोआरीजोर थाना क्षेत्र में हुए एनकाउंटर में मारे गए सूर्या हांसदा की मौत पर अब दुमका जिले के आदिवासी ग्रामीण भी सवाल उठा रहे हैं। जामा प्रखंड के तितरीडंगाल, पलासबनी और उपरबहाल गांवों के ग्रामीणों ने सामूहिक बैठक (कुल्ही दुरुप) कर इस घटना की सीबीआई जांच की मांग की है।
ग्रामीणों के संदेह
ग्रामीणों का कहना है कि एनकाउंटर संदेहास्पद है, क्योंकि सूर्या हांसदा को देवघर में बिना किसी विरोध के गिरफ्तार किया गया था। उनका सवाल है कि जब वह पुलिस की हिरासत में था, तो उसका एनकाउंटर कैसे हो गया?
- गोली शरीर में क्यों लगी? ग्रामीणों ने पूछा कि अगर पुलिस को उसे रोकना ही था, तो पैर में गोली क्यों नहीं मारी गई?
- सुरक्षित हिरासत में हथियार छीनने की कोशिश? ग्रामीणों का कहना है कि जब सूर्या हांसदा को हथकड़ी लगाई गई थी और वह कई पुलिसकर्मियों की घेराबंदी में था, तो वह हथियार छीनकर भागने में कैसे सफल हो सकता है?
- रात में हथियार बरामदगी की क्या जरूरत थी? ग्रामीणों ने यह भी सवाल उठाया कि जब पुलिस प्रशासन सूर्या हांसदा को कुख्यात अपराधी बता रही है, तो रात में हथियार बरामद करने की क्या आवश्यकता थी?
आंदोलन की चेतावनी
सभी गांवों के ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि सूर्या हांसदा का एनकाउंटर संदेहास्पद है और इसलिए झारखंड सरकार को इसकी जांच देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी सीबीआई से करवानी चाहिए। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही सीबीआई जांच नहीं कराई गई, तो वे अपना आंदोलन और तेज करेंगे।
इस बैठक में सोहागनी चौड़े, सोनोदी मुर्मू, लिलमुनी हांसदा, शैलेन्द्र सोरेन, रविन्द्र मुर्मू, सुमित्रा हेम्ब्रोम, अंजू हेम्ब्रोम, सुनी समेत सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे।






