Entertainment : ‘उदयपुर फाइल्स’ आज से सिनेमाघरों में

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  • विजय राज की जबरदस्त परफॉर्मेंस
  • कहानी भावनात्मक लेकिन फिल्म उम्मीद पर पूरी नहीं उतरती

नई दिल्ली/मुम्बई/उदयपुर (फ़िल्म रिपोर्ट) : देशभर में चर्चा का केंद्र रही कन्हैयालाल हत्याकांड पर आधारित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ शुक्रवार को आखिरकार रिलीज हो गई। तमाम विवादों, कोर्ट रोक और सेंसर बोर्ड की कट्स के बाद यह फिल्म अब देशभर के 4500 सिनेमाघरों में दर्शकों के सामने है।

उदयपुर के सेलिब्रेशन मॉल, अरबन स्क्वायर और लेक सिटी मॉल में भी इसे प्रदर्शित किया जा रहा है। प्रशासन ने शहर में सुरक्षा के विशेष इंतज़ाम किए हैं ताकि फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान किसी प्रकार की अव्यवस्था ना हो।

परिवार की अपील: “देखिए ये फिल्म, ये सिर्फ एक कहानी नहीं, हमारी सच्चाई है”

कन्हैयालाल के बेटे यश तेली ने बताया कि वे अपने पूरे परिवार के साथ फिल्म देखने जा रहे हैं।

उन्होंने कहा –

“इस फिल्म में मेरे पिता की तालिबानी तरीके से की गई हत्या और उस घटना की पूरी सच्चाई दिखाई गई है। हम चाहते हैं कि देश यह देखे और समझे कि हमारे साथ क्या हुआ।”

कानूनी लड़ाई के बाद मिली रिलीज की मंजूरी

इस फिल्म की रिलीज पर पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने 10 जुलाई को आरोपी मोहम्मद जावेद और कुछ संगठनों की याचिका पर रोक लगा दी थी। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां से 25 जुलाई को रिलीज की अनुमति मिल गई।

इसके बाद 1 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को फिल्म की समीक्षा करने के निर्देश दिए। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की समिति ने 6 अगस्त को फिल्म की रिलीज को हरी झंडी दे दी।

फिल्म कैसी है? – जानिए रिव्यू में

  • फिल्म की कहानी बेहद झकझोर देने वाली है लेकिन मेकिंग के स्तर पर कई कमजोरियाँ सामने आती हैं:
  • फर्स्ट हाफ बेहद कमजोर और असंबंधित कंटेंट से भरा हुआ है।
  • बजट कम, प्रोडक्शन क्वालिटी साधारण, और सपोर्टिंग कास्ट कमजोर है।
  • भारत-पाकिस्तान के एंगल को जरूरत से ज्यादा घसीटा गया है।
  • कन्हैयालाल की हत्या वाले दृश्य बेहद भावनात्मक और असरदार हैं, यही फिल्म की जान हैं।
  • कई गाने बेवजह जोड़े गए हैं, जो अनुभव को कमजोर करते हैं।

हालाँकि, फिल्म का मकसद घटना को जनता तक पहुंचाना है, और इस उद्देश्य में यह सफल होती है।

विजय राज: इस फिल्म की आत्मा

विजय राज ने कन्हैयालाल के किरदार में दिल को छू लेने वाली एक्टिंग की है। उनकी बॉडी लैंग्वेज और एक्सप्रेशन इतने दमदार हैं कि कई बार आंखें नम हो जाती हैं। रजनीश दुग्गल और प्रीति झांगियानी का काम ठीक-ठाक है, लेकिन बाकी सपोर्टिंग कास्ट फिल्म का स्तर नीचे ले जाती है।

निर्माण और उद्देश्य

  • निर्देशक: भरत एस. श्रीनाते
  • निर्माता: अमित जानी
  • लेखक: अमित जानी, जयंत सिंह, भारत सिंह

निर्माता अमित जानी ने कहा है,

“हमारा उद्देश्य किसी समुदाय को बदनाम करना नहीं, बल्कि एक सच्ची और दर्दनाक घटना को सामने लाना है।”

फिल्म देखने की वजह:

  • अगर आप कन्हैयालाल हत्याकांड की पूरी घटना को गहराई से समझना चाहते हैं।
  • अगर आप विजय राज की शानदार एक्टिंग देखना चाहते हैं।
  • और अगर आप सच्चाई को पर्दे पर देखना चाहते हैं – तो यह फिल्म देखी जा सकती है।
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