जमशेदपुरः करनडीह की उप मुखिया मोनिका हेंब्रम को नवीकरण कार्य के तहत जाहेरथान का भ्रमण करना महंगा पड़ गया। महिला होने के नाते जाहेरथान में प्रवेश पर ग्राम प्रधान द्वारा उन्हें दंडित किया गया है। पंचों की बैठक में उप मुखिया पर दंड स्वरूप 5000 रुपए, एक बकरा और तीन मुर्गा का जुर्माना लगाया गया है। करनडीह ग्रा म प्रधान सह माझी सालखू सोरेने ने आज करनडीह सरजोम टोला में बैठक बुलाकर उप मुखिया पर यह जुर्माना लगाया गया है।
उप मुखिया का कसूर इतना था कि करनडीह स्थित सरना धार्मिक स्थल जाहेरथान की नवीकरण योजना को लेकर सरकारी अधिकारियों के साथ विगत 7 जुलाई को उन्होंने जाहेरथान का जायजा लेने के लिए जाहेरथान में प्रवेश किया था। उस वक्त वहां ग्राम प्रधान सालखू माझी एवं उनकी पत्नी मादो सोरेन भी मौजूद थीं। बाद में एक महिला के जाहेर थान में प्रवेश को सालखू माझी ने सरना धर्म एवं संताल परंपरा के खिलाफ बताते हुए गांव में पंचों की बैठक कर दंडित करने का फैसला किया।
करनडीह बोदरा टोला सेंगेल माझी छिता मुर्मू ने ग्राम प्रधान सालखू माझी के इस कार्य को आदिवासी महिला विरोधी बताया और प्रशासन से सालखू माझी एवं अन्य पर कानूनी कार्रवाई करने की जरूरत बताई। उन्होंने आगे कहा कि इसी रूढ़ी, प्रथा, परंपरा के नाम पर आदिवासी महिलाओं पर प्रताड़ना जारी है। डायन के नाम पर महिलाओं की हत्या भी जग जाहिर है। कहा कि इसे देखते हुए पूर्व सांसद सालखन मुर्मू के नेतृत्व में आदिवासी सेंगेल अभियान का आदिवासी महिला सशक्तिकरण कार्य चल रहा है। कहा कि सेंगेल समाज में पारंपरिक माझी की जगह लोकतांत्रिक ढंग से योग्य मांझी का चुनाव किए जाने का पक्षधर है।
छिता मुर्मू का कहना है कि एक तरफ राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन के साथ गिरिडीह स्थित मरांग बुरू युग जाहेरथान में पूजा करते हैं, वहां माझी परगना महाल के लिए सब माफ है, मगर यहां उपमुखिया मोनिका हेंब्रम पर गाज गिरती है। इसी तरह माझी परगना व्यवस्था में माझी परगना महाल सरीखे संगठन मनमानी करने पर उतारू हैं। उसने गांव-समाज के लोगों को गुलाम बनाकर रखा है और समाज मूकदर्शक बनकर सारी ज्यादतियों को झेल रहा है।