जमशेदपुर में रामनवमी का विसर्जन जुलूस सबसे पहले 4 बजे साकची और से निकाला गया। बिष्टुपुर से रजक अखाड़ा द्वारा सबसे पहले अपने कुल देवता और हनुमान की पूजा करने के बाद पूरे गाजे बाजे के साथ अखाड़ा खेलते हुए निकला यह जुलूस पूरे सोनारी क्षेत्र का भ्रमण करने के बाद स्वर्णरेखा नदी में झंडा ठंडा किया।
इस दौरान जिन-जिन क्षेत्रों से झंडा गुजर रहा था, वहां के लोगों ने ध्वज का पूजन कर सुख शांति की कामना की। यह अखाड़ा 1932 से निरंतर पीढ़ी दर पीढ़ी अखाड़ा जुलूस निकाल रही है, जो आगे भी युवाओं के माध्यम से अखाड़ा निकालने के लिए प्रयासरत है।
वहीं दूसरी ओर श्री बाल मंदिर अखाड़ा ने साकची झंडा चौक से जुलूस निकाला, जिसमें भगवान श्री राम और शिव की जीवनी को नृत्य के माध्यम से झांकी प्रस्तुत की गई, जो लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र था। वही बाजे की टीम भी लोमहर्षक प्रस्तुति दे रही थी, वहीं करतब बाजों के द्वारा दिखाए जा रहे करतब देख लोग दांतो तले उंगली दबाने पर मजबूर हो जा रहे थे।
इधर विसर्जन को लेकर जिला प्रशासन की ओर से प्रत्येक चौक चौराहो पर पुलिस कर्मी हुड़दंगियों पर नजर बनाए हुए थे, ताकि किसी प्रकार का विघ्न न उत्पन्न हो।