जमशेदपुर : अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ, पूर्वी सिंहभूम जिला इकाई ने शिक्षकों को विभागीय निर्देशों के तहत विद्यालय अवधि और उसके उपरांत किए जा रहे अनेक गैर-शैक्षणिक कार्यों से उत्पन्न समस्याओं को लेकर उपायुक्त, पूर्वी सिंहभूम को एक ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में संघ ने शिक्षकों को मूल कार्य यानी गुणवत्तापूर्ण शिक्षण कार्य में समर्पित रखने और अन्य कार्यों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की है।
प्रमुख समस्याएं व मांगें:
शैक्षणिक सामग्री उठाव का बोझ शिक्षकों पर
- शिक्षकों को URC/BRC से कई बार पाठ्यपुस्तक, स्कूल किट, नोटबुक, स्कूल बैग, TLM सामग्री आदि लानी पड़ती है।
- सामग्री एक साथ न मिलने के कारण 3-4 बार अलग-अलग वाहन से जाना पड़ता है।
- वाहन भाड़ा मात्र ₹300 निर्धारित है, जबकि खर्च इससे अधिक होता है — जिससे शिक्षकों को जेब से भुगतान करना पड़ता है।
- मांग: सभी शैक्षणिक सामग्री स्कूल तक पहुंचाने की व्यवस्था या संकुल स्तर पर सामग्रियों का वितरण।
एमडीएम चावल उठाव की असुविधा
- MDM चावल विद्यालय तक पहुंचाने के लिए पिछले वर्षों से भाड़ा नहीं मिला है।
- आदेश के अनुसार डोर-स्टेप डिलीवरी की व्यवस्था होनी चाहिए, लेकिन ठेका लेने वाले एजेंसी ने असमर्थता जताई।
- मांग: विभागीय आदेश के तहत चावल की सीधी आपूर्ति स्कूल तक कराई जाए।
गैर-शैक्षणिक कार्यों का दबाव
- शिक्षकों को विद्यालय अवधि में करने पड़ते हैं कई विभागीय कार्य, जैसे: बच्चों का आधार पंजीकरण, बैंक खाता खुलवाना, चश्मा वितरण, साइकिल वितरण
- MDM की राशि निकासी, नामांकन अभियान, बाल पंजी निर्माण हेतु सर्वेक्षण, विभिन्न फॉर्म भरवाना
- बीआरसी/यूआरसी में रिपोर्ट जमा करना, विभिन्न प्रशिक्षण, BLO कार्य आदि, जिसके परिणामस्वरूप पठन-पाठन बाधित हो रहा है।
BLO कार्य से मुक्ति की मांग
राज्य स्तर पर BLO कार्यों से शिक्षकों को मुक्त करने के निर्देश के बावजूद जमशेदपुर में अभी भी सरकारी व पारा शिक्षक BLO के रूप में कार्यरत हैं। इससे विद्यालय में शिक्षकों की कमी और पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इसलिए मांग है कि शिक्षकों को BLO कार्य से पूर्णतः मुक्त किया जाए।
गुरु गोष्ठी और बैठकें विद्यालय अवधि में होनी चाहिए
वर्तमान में गुरु गोष्ठी का आयोजन स्कूल समय के बाद किया जाता है, जिससे शिक्षकों को असुविधा होती है। JCERT द्वारा SOP के अनुसार यह विद्यालय अवधि में 4 बजे तक आयोजित होनी चाहिए। इसलिए मांग की गई कि अन्य जिलों की तर्ज पर विद्यालय समय में ही गुरु गोष्ठी कराई जाए।
शिक्षक संघ की मुख्य अपील
संघ के प्रतिनिधियों ने स्पष्ट कहा कि यदि विभाग द्वारा सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर दी जाएं तो शिक्षकों को विद्यालय अवधि में बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी और वे पूरी तरह से बच्चों के शैक्षणिक विकास में ध्यान केंद्रित कर पाएंगे, जिससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लक्ष्य साकार हो सकेगा।






