पोटका / जमशेदपुर : झारखंड सरकार जहां गरीब और जरूरतमंद परिवारों को जन वितरण प्रणाली (PDS) के माध्यम से हर माह खाद्यान्न उपलब्ध कराने की योजना चला रही है, वहीं पोटका प्रखंड में इसका साफ तौर पर दुरुपयोग सामने आ रहा है। डीलर अस्वती खण्डायत पर तीन माह का राशन गबन करने का गंभीर आरोप है।
कार्डधारियों को तीन महीने से नहीं मिला अनाज
प्रखंड के छोटाहाड़ियान गांव के सैकड़ों कार्डधारी तीन महीनों से अपने राशन के लिए भटक रहे हैं। परेशान होकर वे विधायक से मिले और शिकायत दर्ज करवाई। विधायक ने तुरंत प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी से बात कर तीन दिनों के भीतर खाद्यान्न आवंटन का निर्देश दिया। परंतु सप्ताह बीत जाने के बाद भी न राशन मिला, न ही डीलर पर कोई कार्रवाई हुई। इससे कार्डधारियों में भारी आक्रोश है।
टोल फ्री नंबर पर भी की गई शिकायत
पीड़ितों ने झारखंड सरकार के खाद्य आपूर्ति विभाग के शिकायत पोर्टल और टोल फ्री नंबर पर भी कॉल कर मामले की जानकारी दी, लेकिन अभी तक सिर्फ खामोशी और इंतज़ार ही हाथ लगी है।
उपायुक्त से की दोबारा शिकायत
निराश कार्डधारियों का प्रतिनिधिमंडल एक बार फिर उपायुक्त के दरबार पहुंचा और मामले की गंभीरता से अवगत कराया।
प्रतिनिधि विषा महापात्र ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही तीन महीने का राशन नहीं दिया गया, तो उपायुक्त कार्यालय के समक्ष सभी कार्डधारी जोरदार प्रदर्शन करेंगे।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रमुख लोग:
असित सरदार (मुखिया), विषा महापात्र, मनो सरदार, भालू सरदार, निवारण ज्योतिषी, गौरांग महापात्र, विष्णु महापात्र।
क्या यह खुला भ्रष्टाचार नहीं?
एक तरफ सरकार करोड़ों खर्च कर लोगों को राशन देने का दावा कर रही है, वहीं स्थानीय स्तर पर डीलर की मनमानी और प्रशासन की निष्क्रियता योजना की साख को चोट पहुंचा रही है।






