Jamshedpur : लोको पायलटों को दिया गया रियल-टाइम आपदा राहत प्रशिक्षण

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जमशेदपुर : रेल दुर्घटनाओं और आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए टाटानगर रेल सिविल डिफेंस द्वारा इलेक्ट्रिक लोको पायलट ट्रेनिंग सेंटर में एक दिवसीय आपदा राहत प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।

प्रशिक्षण का उद्देश्य था – चलती ट्रेन में आग लगने या सर्पदंश (सांप काटने) की स्थिति में प्राथमिक कर्तव्यों और राहत कार्यों की जानकारी देना।

ट्रेन में आग लगे तो लोको पायलट क्या करें?

सिविल डिफेंस इंस्पेक्टर संतोष कुमार ने बताया कि यदि किसी कारणवश चलती ट्रेन में आग लग जाए, तो लोको पायलट को ये ज़रूरी कदम उठाने चाहिए:

  • इंजन की फ्लैशर लाइट जलाकर सुरक्षित स्थान पर ट्रेन को रोके।
  • यात्रियों को तुरंत बाहर निकालने की व्यवस्था करें।
  • नजदीकी स्टेशन मास्टर को स्थिति की सूचना दें।
  • जिस कोच में आग लगी हो, उसे दोनों ओर से 45 मीटर की दूरी पर अलग करें।
  • गाड़ी को रोलिंग से रोकने के लिए सुरक्षा उपाय (protection) लगाएं।
  • यदि ट्रेन मालगाड़ी हो, तो माल को सुरक्षित करना और सील को बनाए रखना आवश्यक।
  • मिट्टी, रेत, पानी जैसे स्थानीय संसाधनों से आग बुझाने का प्रयास करें।
  • इंजन में मौजूद 4 फायर एस्टिंग्विशर का सही तरीके से उपयोग करें – “PASS रूल” (Pull, Aim, Squeeze, Sweep) के साथ।

उन्होंने बताया कि इन संयंत्रों की तीन माह में जांच और साल में केमिकल (सोडियम बाइकार्बोनेट) की रीफिलिंग की जाती है।

सर्पदंश की स्थिति में फर्स्ट एड और पहचान

प्रशिक्षण की दूसरी पाली में लोको पायलटों को बताया गया कि इंजन अक्सर जंगल झाड़ी वाले इलाकों में खड़े रहते हैं, जहां सांप छिपकर इंजन के अंदर चले जाते हैं। खड़गपुर स्टेशन पर खड़ी एक इंजन के सैंड बॉक्स में कोबरा सांप पाया गया था। ऐसे में सर्पदंश की घटनाएं होना आम हैं।

लोको शेड और पुलिंग प्वाइंट विभाग में इंजन तैयार करते वक्त लोको पायलट कैसे सतर्क रहें, किस तरह से विषैले और विषहीन सांपों की पहचान करें, और प्राथमिक उपचार कैसे दें — इस पर टेली फिल्म और पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया।

बड़ी संख्या में लोको पायलटों ने लिया भाग

इस प्रशिक्षण शिविर में दक्षिण पूर्व रेलवे के चारों मंडल – रांची, चक्रधरपुर, आद्रा और खड़गपुर से आए सैकड़ों लोको पायलटों ने भाग लिया। सभी ने सिविल डिफेंस की उन्नत, आधुनिक और व्यावहारिक ट्रेनिंग विधियों की जमकर सराहना की।

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