जमशेदपुर/झारग्राम (प. बंगाल): पश्चिम बंगाल के झारग्राम जिले में गुरुवार तड़के एक दर्दनाक हादसे में तीन हाथियों की मौत हो गई। यह हादसा झारग्राम और गिधनी रेलवे स्टेशन के बीच बासतोला स्टेशन के पास हुआ, जब बड़बिल-हावड़ा जनशताब्दी एक्सप्रेस से टकराकर तीन हाथियों की मौके पर ही जान चली गई।

सुबह करीब 4:30 बजे हुआ हादसा, ट्रेन की रफ्तार बनी कारण
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, लगभग 4:30 बजे हाथियों का एक झुंड रेलवे लाइन पार कर रहा था, तभी तेज रफ्तार से आती जनशताब्दी एक्सप्रेस ने तीन हाथियों को रौंद डाला। झुंड में कुल सात हाथी थे, जिनमें से तीन ट्रेन की चपेट में आ गए।
वन विभाग ने शुरू किया राहत व जांच कार्य
घटना की सूचना मिलते ही झारग्राम वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और हाथियों के शवों को पटरियों से हटाने का कार्य शुरू किया। इस काम में भारी मशीनों की मदद ली जा रही है। वन विभाग का कहना है कि यह हाथी संभवतः दलमा-बुरुडीह जंगल क्षेत्र से भटककर आए होंगे।
रेल परिचालन कुछ समय के लिए बाधित
हाथियों के शवों की वजह से रेल ट्रैक पर परिचालन प्रभावित हुआ और कई ट्रेनों को रोका गया या डायवर्ट किया गया। शवों को हटाने के बाद ही ट्रैक को पुनः चालू किया गया।
बार-बार सामने आ रहे हाथियों की मौत के मामले

यह क्षेत्र पहले से ही हाथियों के आवाजाही वाले मार्ग (Elephant Corridor) के रूप में चिन्हित है। वन्यजीव कार्यकर्ता और पर्यावरणविद् कई बार इस क्षेत्र में ट्रेन की गति सीमा तय करने और निगरानी बढ़ाने की मांग कर चुके हैं। फिर भी रेलवे और वन विभाग के बीच समन्वय की कमी के चलते ऐसे हादसे बार-बार दोहराए जा रहे हैं।
संयुक्त जांच और भविष्य की रणनीति पर काम शुरू
रेलवे प्रशासन और वन विभाग संयुक्त जांच कर रहे हैं कि कैसे इस तरह की घटनाओं से भविष्य में बचा जा सकता है। साथ ही वन विभाग हाथियों के शवों का अंतिम संस्कार वन्यजीव नियमों के तहत करेगा।
स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश और शोक का माहौल
इस घटना को लेकर स्थानीय ग्रामीणों और पर्यावरण प्रेमियों में दुख और नाराजगी है। ग्रामीणों ने मांग की है कि रेलवे और वन विभाग मिलकर हाथियों की सुरक्षा के लिए प्रभावी योजना बनाएं। प्रकृति और विकास के बीच संतुलन बनाना आज की ज़रूरत है, नहीं तो ऐसे हादसे और दुखद होंगे।






