K. Durga Rao
सरायकेला-खरसावां : एनजीटी द्वारा नदियों से बालू के उठाव पर रोक लगाने के साथ ही पूरे राज्य में बालू का संकट उत्पन्न हो गया है। ऐसे में पूरे कोल्हान में बालू की मांग बढ़ गयी है। साथ ही बालू के दाम में बेहताशा बृद्धि हो गयी है। मजबूरी में लोग मुंह मांगे दाम पर बालू खरीद रहे हैं। सरायकेला-खरसावां में बालू माफियाओं के लिये खरसावां-रडगांव सड़क सेफ रुट बन गयी है।
कहा जा रहा है कि रांची जिला के तमाड क्षेत्र कुछ लोग बालू की तस्करी करने में जुटे हुए है। बालू माफिया के एजेंट तमाड़ के एक नदी से बालू उठाव करने से लेकर रडगांव, विजयगिरी, रायजेमा होते हुए खरसावां, कुचाई, सरायकेला, सीनी, टोकलो आदि क्षेत्र मे पहुंचाते हैं। नदी से बालू उठाव से लेकर संबंधित स्थल तक बालू को पहुंचाने का कार्य पूरे गुपचुप तरीके से होता है। अवैध रुप से बालू का पूरा खेल या तो रात के समय होता है, या फिर अहले सुबह। बालू ढ़ोने में लगे किसी भी ट्रैक्टर पर नंबर प्लेट तक नहीं लगा रहता है।
बताया जाता है कि 10-11 जुलाई को खरसावां-रड़गांव मार्ग पर ही स्थानीय लोगों की सूचना पर प्रशासन ने अवैध बालू लदे सात ट्रैक्टर जब्त किया था, जिसे बाद में फाइन लगा कर छोड़ दिया गया। बालू माफियाओं के खिलाफ अब तक किसी तरह की ठोस कार्रवाई नहीं होने से इनके हौसले भी बुलंद है। क्षेत्र में अवैध रुप से बालू की बिक्री छह से सात हजार रुपये प्रति ट्रैक्टर के दर से हो रही है। दूसरी ओर आसानी से बालू नहीं मिल पाने के कारण आबुआ आवास के लाभुक अपने घर का काम नहीं कर पा रहे हैं।