K. Durga Rao
सरायकेलाः आगामी 13 मई से झारखंड में लोकसभा चुनाव शुरू होने वाला है। सियासी पारा तपने लगा है। बीजेपी ने यहां 13 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। 13 मई को खूंटी और सिंहभूम संसदीय सीटों के लिए भी वोट डाले जाएंगे। यहां बीजेपी की प्रतिष्ठा दांव पर रहेगी। खूंटी से जहां केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा बीजेपी के उम्मीदवार है, वहीं सिंहभूम से गीता कोड़ा मैदान में हैं।
इस बीच कुड़मी सेना ने खूंटी संसदीय क्षेत्र में अर्जुन मुंडा के खिलाफ मतदान करने का ऐलान कर दिया है। साथ ही जमशेदपुर सहित झारखंड के सभी संसदीय सीटों पर बीजेपी के खिलाफ मतदान करने का ऐलान किया है। इस संबंध में बुधवार को कुड़मी सेना के केंद्रीय अध्यक्ष लालटू महतो ने जानकारी देते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री रहते अर्जुन मुंडा ने कभी भी कुड़मियों के मामले में सदन में आवाज नहीं उठाई। इतना ही नहीं अर्जुन मुंडा 2005 में मुख्यमंत्री थे उस वक्त कुड़मी जाति को संविधान की आठवीं अनुसूची में सूचीबद्ध करने और कुड़माली भाषा को मान्यता देने का प्रस्ताव तैयार किया गया था, जिसे आज तक लागू नहीं किया गया। हर बार अर्जुन मुंडा ने कुड़मियों को छलने का काम किया है। यही वजह है कि पूरे प्रदेश के कुड़मी समुदाय के लोग अर्जुन मुंडा और बीजेपी के खिलाफ नाराज हैं। इसका बदला वोट के चोट से लिया जाएगा। यही वक्त है कुड़मी समुदाय अपने अपमान का बदला अर्जुन मुंडा और बीजेपी से लेने के लिए तैयार है।
खूंटी में कुड़मी मतदाताओं की संख्या 20 फीसदी है, जबकि जमशेदपुर में करीब 4.50 लाख कुड़मी मतदाता हैं, जो प्रत्याशियों के हार जीत तय करते हैं। वैसे लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कुड़मी सेना का फरमान कितना असरदार साबित होगा यह तो 4 जून को पता चलेगा, फिलहाल कुड़मी सेना की इस घोषणा के बाद झारखंड में सियासी हलचल तेज हो गई है।