K. Durga Rao
चांडिल: ईचागढ़ विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरे सुखराम हेंब्रम ने चांडिल निर्वाची पदाधिकारी के कार्यालय में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। नामांकन दाखिला करने के बाद चांडिल के गांगूडीह फुटबॉल मैदान में आयोजित नामांकन सभा में सुखराम हेंब्रम के समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा। आपको बता दें कि सुखराम हेंब्रम ईचागढ़ विधानसभा से पहली बार चुनावी मैदान में हैं, जो पूर्व में झामुमो सरायकेला-खरसावां के जिला सचिव भी रहे हैं। श्री हेंब्रम ईचागढ़ विस क्षेत्र में एक कद्दावर आदिवासी नेता सह समाजसेवी के रूप में लोगों के बीच जाने जाते हैं। गांगुडीह स्थित फुटबॉल मैदान में आयोजित नामांकन सभा को संबोधित करते हुए कहा कि क्षेत्र का संपूर्ण विकास ही उनकी एकमात्र प्राथमिकता रहेगी। उनमें से प्रमुख रहेगी शिक्षा व्यवस्था जिसके रास्ते ही राज्य और देश की प्रगति संभव है। वहीं यहां के किसानों को सिंचाई हेतु बारह महीने पानी उपलब्ध कराऊंगा।
श्री हेंब्रम ने आगे कहा कि यह केवल चुनाव नहीं है बल्कि जनता के अपार समर्थन से मां, माटी, मानुष को मुक्ति दिलाने का प्रयास है। हमारे मान सम्मान बचाने के लिए चुनाव लड़ना ही विकल्प है। अब कुछ राजनीतिक दल के नेता कह रहे हैं कि ईचागढ़ के लोग उन्हें बाहरी कह रहे हैं, लेकिन ईचागढ़ की जनता ने शहीद व शहीदों के परिवार को सम्मान दिया। जनप्रतिनिधि निर्वाचित होने के बाद वे लोग ईचागढ़ के जनता को सम्मान देना भूल जाते हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी तंत्र अब दलमा के तराई के निवासियों को विस्थापित करने के नाम से डराने लगा है। लेकिन अब ऐसा नहीं होने दिया जायेगा अब अस्मिता बचाने की लड़ाई जोर शोर से लड़ी जाएगी।
वहीं शिक्षा को लेकर सुखराम हेंब्रम ने कहा कि अन्य लोग द्वारा क्षेत्र में एक डिग्री व महिला कॉलेज स्थापना करने की बात होती है। यदि इस चुनाव में लोगों का समर्थन मुझे मिला तो आने वाले दिनों में मैं ईचागढ़ विधानसभा के प्रत्येक प्रखंड में एक डिग्री कॉलेज सहित महिला कॉलेज स्थापित करने की आवाज उठाऊंगा। विगत 35 वर्षों से अब तक क्षेत्र की जनता जो मूलभुत सुविधाओं से वंचित है वे सभी सुविधाएं लोगों के बीच उपलब्ध कराने का अथक प्रयास रहेगा। वहीं मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज क्षेत्र के लोग हाथी के आतंक से आतंकित हैं, लेकिन देखने वाला सुनने वाला कोई नहीं, उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए विद्यार्थी इच्छुक हैं, लेकिन वे चाहकर भी पढ़ नहीं पाते हैं। उन्हें इसके लिए दूसरे जिले तथा राज्य की ओर प्रस्थान करना पड़ता है। इसी तरह लचर बिजली व्यवस्था से लोग जूझ रहे हैं, सड़कें, नाली की कमी साफ़ नजर आती है। इन सभी विषयों पर विशेष ध्यान दूंगा। उक्त नामांकन सभा में कई समाजिक संगठनों के प्रमुख सहित हजारों हजार की तादाद में लोग उपस्थित थे।