नई दिल्ली : भारतीय थल सेना को एक और घातक हथियार मिल गया है। अमेरिका से खरीदे गए अपाचे अटैक हेलीकॉप्टरों की पहली खेप मंगलवार को हिंडन एयरबेस (गाजियाबाद) पर सफलतापूर्वक लैंड की गई। ये हेलीकॉप्टर सेना के एविएशन कोर का हिस्सा होंगे और सीमावर्ती क्षेत्रों में सेना की मारक क्षमता को कई गुना बढ़ाएंगे।

तीन अपाचे भारत पहुंचे, तीन और जल्द
भारतीय सेना को कुल 6 अपाचे AH-64E हेलीकॉप्टर मिलने हैं जिसकी पहली तीन यूनिट मंगलवार को भारत पहुंचीं। शेष तीन हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी वर्ष के अंत तक पूरी होगी। इनका संभावित तैनाती स्थल जोधपुर, पाकिस्तान बॉर्डर के समीप हो सकती है।
क्यों खास हैं अपाचे?
- 30mm चेन गन, हेलफायर मिसाइल, और रॉकेट पॉड्स से लैस
- लॉन्गबो रडार से 128 लक्ष्यों को ट्रैक और 16 को सेकंड्स में टारगेट कर सकता है
- घाटी, पहाड़ी और दुर्गम इलाकों में ऑपरेशन करने में सक्षम
- हवा से जमीन पर अचूक हमला — आतंकवादी ठिकानों, दुश्मन के बंकरों और टैंकों को तबाह करने में निपुण
सेना के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि
सेना के मुताबिक, अपाचे की तैनाती से उनके रिस्पॉन्स टाइम में तेजी, सटीक हवाई हमलों की क्षमता, और आधुनिक युद्ध अभियानों में सफलता में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी। यह थल सेना के एविएशन विंग की पहली बड़ी अटैक क्षमता है।
‘मेक इन इंडिया’ और रणनीतिक शक्ति का संतुलन
जहां एक ओर भारत तेजस, प्रचंड और LCH जैसे स्वदेशी लड़ाकू हेलीकॉप्टर्स पर काम कर रहा है, वहीं अमेरिका से मिले ये अपाचे रणनीतिक जरूरतों और वैश्विक रक्षा साझेदारी का प्रतीक हैं।
अब हर मोर्चे पर सेना होगी और घातक
अपाचे हेलीकॉप्टर्स के आने से भारत की थल सेना को मिलेगा आकाश से सटीक और घातक हमला करने वाला हथियार। ये हेलीकॉप्टर नाइट ऑपरेशन, जंगल वारफेयर और सीमा पार आतंकवाद जैसे हर चुनौती में सेना की ताकत को कई गुना बढ़ा देंगे।






