National : भारत ने रचा नया इतिहास – ISRO-नासा का ‘निसार मिशन’ लॉन्च

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  • दो महाशक्तियों की साझेदारी से अंतरिक्ष विज्ञान में नई उड़ान

नई दिल्ली / श्रीहरिकोटा : भारत ने एक बार फिर अंतरिक्ष विज्ञान में अपनी श्रेष्ठता साबित कर दी है। ISRO और NASA के साझा प्रयास से तैयार हुआ ऐतिहासिक ‘निसार मिशन’ बुधवार शाम को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया। यह दुनिया का पहला दोहरे बैंड वाला सिंथेटिक अपर्चर रडार सैटेलाइट है, जो पृथ्वी की गहराई तक निगरानी करने में सक्षम है।

प्राकृतिक आपदाओं की भविष्यवाणी अब और सटीक

निसार मिशन का मुख्य उद्देश्य है—पृथ्वी की सतह पर हो रहे बदलावों की निगरानी। इससे भूकंप, चक्रवात, बाढ़, कोहरे और बर्फ जैसी प्राकृतिक आपदाओं की सटीक जानकारी पहले से मिल सकेगी, जिससे आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों में क्रांतिकारी सुधार होगा।

इसके अलावा, घने बादलों और बर्फ की परतों को भेदने की क्षमता इसे विमानन और नौवहन जैसे क्षेत्रों के लिए भी बेहद अहम बना देती है।

भारत-अमेरिका की वैज्ञानिक साझेदारी का प्रतीक

निसार (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar) मिशन में दो अलग-अलग फ्रीक्वेंसी के रडार शामिल किए गए हैं—
🔹 L-बैंड (NASA)
🔹 S-बैंड (ISRO)
इस तकनीक का यह पहला उपयोग है, जिससे धरती की मॉनिटरिंग हर मौसम और हर इलाके में संभव हो सकेगी।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने दी बधाई

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस ऐतिहासिक मिशन को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर देशवासियों को बधाई देते हुए लिखा:

“बधाई हो भारत! यह मिशन न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व को लाभ पहुंचाएगा। ISRO और NASA की यह साझेदारी ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना को साकार करती है।”

$1.5 बिलियन डॉलर का मेगा मिशन

करीब $1.5 बिलियन डॉलर की लागत से तैयार यह मिशन आने वाले वर्षों में जलवायु परिवर्तन, ग्लेशियर पिघलना, जंगलों की कटाई और शहरीकरण जैसे वैश्विक मुद्दों पर रीयल-टाइम डेटा उपलब्ध कराएगा।

ISRO अध्यक्ष वी. नारायणन का संदेश

“निसार मिशन की सफलता भारत के वैज्ञानिक सामर्थ्य की पहचान है। यह मिशन पृथ्वी की निगरानी को एक नया आयाम देगा और मानवता के लिए उपयोगी साबित होगा।” 

– वी. नारायणन, ISRO अध्यक्ष

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