बिष्टुपुर थाना अंतर्गत डायगनल रोड में अतिक्रमण को लेकर हुई लाठी चार्ज का मामला अब तुल पकड़ने लगा है। सवाल उठने लगा है कि आखिर लाठी चार्ज के समय वहां मजिस्ट्रेट के तौर पर किसकी नियुक्ति थी और किसके आदेश पर वहां व्यापारियों पर लाठी चार्ज किया गया। चैंबर ने यह भी सवाल उठाया है कि व्यापारियों को पूर्व सूचना क्यों नहीं दी गई। इन सब सवालों के साथ अब व्यवसायी वर्ग गोलबंद होने लगा है। मामले में उपायुक्त के साथ सरकार तक इसकी शिकायत करते हुए दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग भी की जाएगी।
जमशेदपुर के फुटपाथ वर्षों से अतिक्रमित हैं। शहर का कोई भी रोड ऐसा नहीं है, जहां ठेले वालों ने कब्जा न किया हो, लेकिन जमशेदपुर अक्षेस ने होम गार्ड के जवानों के साथ मिलकर अतिक्रमण हटाने के नाम पर टैक्सपेयर व्यापारियों के साथ जिस तरह बर्बतापूर्ण कार्रवाई की, उसे लेकर सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स आक्रोशित है। आपको यह वीडियो देखकर ऐसा लग रहा होगा कि पुलिस अपराधियों की कुटाई कर रही है, लेकिन नहीं ये सभी व्यापारी हैं। पुलिस और जमशेदपुर अक्षेस के अधिकारियों पर अपनी हाथ साफ करने का ऐसा जुनून सवार था, कि उम्रदराज लोगों के साथ भी नरमी नहीं बरती गई। सबसे अहम बात है कि लाठी चार्ज करने वाले सभी होम गार्ड जवान थे। वहीं जमशेदपुर अक्षेस के सिटी मैनेजर भी व्यापारियों पर हाथ साफ करने से नहीं चूके। मामले को लेकर चैंबर अध्यक्ष ने नाराजगी जताई और कहा कि पूरे शहर में सड़क अतिक्रमित हैं और स्थायी दुकान वाले व्यापारियों पर जिला प्रशासन बर्बर कार्रवाई कर रहा है, जो गलत है। उन्होंने डीसी से पूरे मामले की त्वरित और उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की है।