बिहार में सियासी संग्राम, मोदी के रोड शो की चमक में मोकामा की गोलीबारी ने बढ़ाई ‘जंगलराज’ की गूँज

पटना में पीएम मोदी के रोड शो के बीच मोकामा में जन सुराज समर्थक की हत्या से सियासत गरमाई। विपक्ष ने नीतीश सरकार पर लगाए ‘जंगलराज’ के आरोप, चुनाव आयोग ने अफसरों को हटाया।

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मोकामा की हत्या को लेकर सरकार पर हमले तेज़, चुनाव आयोग की सख्त कार्रवाई के बीच पीएम मोदी ने पटना में किया रोड शो

बिहार में विधानसभा चुनाव नज़दीक आते ही सियासी पारा चढ़ गया है। एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पटना में रोड शो के जरिए एनडीए के लिए माहौल साधने की कोशिश की, तो दूसरी ओर मोकामा में जन सुराज समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या ने राजनीतिक भूचाल ला दिया है। विपक्ष ने इस घटना को कानून-व्यवस्था की नाकामी बताते हुए सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए सरकार पर हमला बोल दिया है।

जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बिहार में अब भी ‘जंगलराज’ जैसे हालात बने हुए हैं और सत्ता पक्ष जनता की सुरक्षा करने में असफल रहा है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी मोकामा की घटना को लेकर सरकार की जवाबदेही पर सवाल उठाए। उनका कहना है कि अपराधी बेखौफ हैं और आम जनता भय के साए में जीने को मजबूर है।

हत्या की इस वारदात के बाद चुनाव आयोग ने कड़ी कार्रवाई करते हुए पटना (ग्रामीण) के एसपी विक्रम सिहाग सहित दो एसडीपीओ को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश दिया है। आयोग ने नई तैनाती की रिपोर्ट जल्द सौंपने को कहा है। इस कदम को चुनावी माहौल में निष्पक्षता बनाए रखने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पटना दौरे के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं और एनडीए समर्थकों की भारी भीड़ उमड़ी। पीएम ने कवि रामधारी सिंह दिनकर को श्रद्धांजलि देने के बाद रोड शो किया, जिसमें सुरक्षा के सख्त इंतज़ाम किए गए थे। बीजेपी इस आयोजन को जनता के समर्थन का संकेत मान रही है, जबकि विपक्ष का आरोप है कि सरकार ध्यान भटकाने के लिए ऐसे आयोजन कर रही है। बढ़ती बयानबाज़ी और घटनाक्रम से यह साफ है कि बिहार की सियासत चुनाव से पहले एक बड़े टकराव की ओर बढ़ रही है। अपराध, कानून-व्यवस्था और विकास के मुद्दे फिर से बहस के केंद्र में हैं। अब यह देखना बाकी है कि जनता सुरक्षा और शासन को लेकर किस पक्ष पर भरोसा जताती है सत्ता पक्ष पर या विपक्ष के आरोपों पर।

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