K. Durga Rao
रांची : भारतीय जनता पार्टी द्वारा आयोजित प्रबुद्ध सम्मेलन में मुख्य वक्ता भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने उपस्थित चिकित्सकों, वकीलों, चार्टर्ड अकाउंटेंट एवं प्रोफेसरों को संबोधित किया। कार्यक्रम की शुरुआत भाजपा के बुद्धिजीवी, आर्थिक, चिकित्सा एवं विधि प्रकोष्ठ के संयोजकों ने गौरव भाटिया के साथ दीप प्रज्वलित कर किया। आर्थिक प्रकोष्ठ के जेपी शर्मा एवं विधि प्रकोष्ठ सुधीर श्रीवास्तव ने मुख्य अतिथि का स्वागत पुष्प गुच्छा देकर एवं शाल उढ़ाकर किया। वहीं बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के संयोजक डॉक्टर उमाशंकर केडिया ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
अधिवक्ता सुधीर श्रीवास्तव ने कहा कि सभी वकीलों को अपने साथी वकील और मुवक्किलों को सरकार की अच्छी योजनाएं बतानी चाहिए। कहा कि कचहरी एक कंट्री है जहां रोज दस बीस हजार लोग आते हैं। राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने अपने संबोधन में अबकी बार 400 पार के नारे का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बुद्धिजीवी समाज किसी देश के विचारों की रीढ़ होते हैं और समाज के बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों की महत्ता को नकारा नहीं जा सकता है। अपनी वैचारिक क्षमता से बुद्धिजीवी वर्ग कई लोगों को प्रभावित कर सकता है। समाज में चिकित्सक का भी विशेष महत्व होता है। इसे नकारा नहीं जा सकता है। चिकित्सक एक भगवान की तरह होता है। आर्थिक क्षेत्र के संयोजन के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट का भी विशेष स्थान है। डॉक्टर और अधिवक्ता हमेशा अच्छा चुनें।
भारतीय राजनीति में नकारात्मक राजनीति करने वाले की भी गौरव भाटिया ने आलोचना की। छोटा से छोटा योगदान भी राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने अपने संबोधन में इंडी गठबंधन की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि भारत अनेकता में एकता वाला राष्ट्र है और इस देश को एक सूत्र में बांधने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के लिए पूरा देश एक परिवार है और उन्होंने अपने कार्य से इस सूत्र वाक्य को चरितार्थ किया है।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी भारत के अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि संविधान खतरे में नहीं है, भ्रष्टाचारी खतरे में हैं। उन्होंने कहा कि आपातकाल के द्वारा कांग्रेस ने संविधान की मूल भावना को नष्ट करने का काम किया है। उन्होंने कांग्रेस के घोषणापत्र की आलोचना करते हुए कहा कि इसमें बहुसंख्यक के लिए कोई स्थान नहीं है तब जबकि हिंदू विश्व में सर्वाधिक सहिष्णु है। समानता का अधिकार संविधान का मूल अधिकार है। नरेंद्र मोदी ने इसे खत्म किया है। इससे मुस्लिम महिलाओं को कई प्रकार के अधिकार प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि संविधान से ही देश चलेगा। व्यक्तिगत कानून का देश में कोई स्थान नहीं है।
कार्यक्रम के समापन पर धन्यवाद ज्ञापन डॉ अभिषेक रामा दिन और संचालन डॉ. तान्या ने किया।