K. Durga Rao
चांडिल: पिछले दिनों लगातर हुई मूसलाधार बारिश के कारण नदी, नाला उफान पर हैं, जन जीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त हो गया है। लोगों को दूर-दूर तक कोई स्थाई समाधान नजर नहीं आ रहा। कोल्हान सहित पूरे झारखंड में 14 से 16 सितंबर तक निरंतर हुए भारी बारिश के कारण स्वर्णरेखा नदी भी उफान पर हैं, वहीं तेज बारिश के कारण चांडिल डैम का जलस्तर 183 मीटर से ऊपर तक पहुंच गया है, जिससे चांडिल डैम के विस्थापित क्षेत्र के लगभग 45 गांव पूरी तरह जलमग्न होने से अब तक 100 से भी अधिक घर गिर गए हैं।
इस आपदा की घड़ी में क्षेत्र के समाजसेवी व जनप्रतिनिधि अपने स्तर से विस्थापितों को सहयोग कर रहे हैं। इसी क्रम में मंगलवार को स्वच्छ चांडिल स्वस्थ चांडिल के संस्थापक सह समाजसेवी सुखराम हेंब्रम ने बैलगाड़ी के माध्यम से खाद्य सामग्री लेकर दल बल के साथ डूब क्षेत्र के विस्थापित गांव कालीचामदा पहुंच कर विस्थापितों को सूखा खाद्य सामग्री और उनके रहने के लिए त्रिपाल मुहैया कराया। इस मौके पर उन्होंने चांडिल डैम प्रबंधन पर अपने कार्य में घोर उदासीनता बरतने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आज सुवर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना के पदाधिकारियों ने जान बूझ कर ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र अंर्तगत चांडिल डैम के विस्थापितों को डुबाने का काम किया। यदि वे लोग अपनी जिम्मेदारी के प्रति सजग रहते तो आज ये नौबत नहीं आती।