हॉस्टल में सोए आदिवासी छात्रों की बर्बर पिटाई के खिलाफ दुमका में भी आक्रोश, छात्रों ने कहा वर्तमान में आदिवासियों पर बढ़ा अत्याचार

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Mohit Kumar

दुमका : दुमका में भी पाकुड़ के छात्रों की पिटाई का मामला तूल पकड़ने लगा है। बता दें कि दिसोम मरांग बुरु संताली अरिचाली आर लेगचर अखड़ा द्वारा दुमका प्रखंड के हिजला गांव में मांझी बाबा/प्रधान सह अखड़ा के सचिव सुनिलाल हांसदा की अध्यक्षता में पाकुड़ स्थित केकेएम कॉलेज के छात्रावास में पुलिस द्वारा आधी रात को सोए हुए आदिवासी छात्रों की बर्बरतापूर्ण पिटाई को लेकर कुल्ही दुरूह/बैठक की गई। अखड़ा और ग्रामीणों ने आदिवासी छात्रों को बर्बरतापूर्ण पिटाई की निंदा की। अखड़ा और ग्रामीणों ने पाकुड़ पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि आदिवासी छात्र कोई आंतकवादी या माओवादी नहीं है, जो मध्य रात्रि को इस तरह की बर्बरतापूर्ण कार्यवाही की गई। आरपो है कि पुलिस द्वारा बेरहमी के साथ उनकी पिटाई की गई।

अखड़ा और ग्रामीणों ने हेमंत सोरेन सरकार से घायल छात्रों को दो-दो लाख रुपए का मुआवजा देने और दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने की मांग की है। अखड़ा और ग्रामीणों ने कहा कि यह अबुवा दिसोम अबुवा राज प्रतीत नहीं हो रहा क्योंकि वर्तमान में आदिवासियों पर अत्यचार और शोषण बढ़े हैं। इस पर चिंता व्यक्त करते हुए अखड़ा और ग्रामीणों ने सरकार को चेताया कि राज्य में आदिवासियों का शोषण और उनपर अत्याचार कम नहीं हुआ तो मजबूरन अखड़ा और आदिवासी समाज सड़क पर उतर कर आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा।
इस मौके पर देवी सोरेन, रूबिलाल हांसदा, अर्जुन हांसदा, सुनिलाल हेम्ब्रम, सनत हांसदा, प्रिंस मरांडी, बुदिलाल मरांडी, छोटो किस्कु, पौलुस आदि उपस्थित थे।

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