Mohit Kumar
दुमकाः दुमका जिला के जामा विधानसभा क्षेत्र में इस बार चुनावी मुकाबला काफी दिलचस्प होने वाला है। बता दें कि कभी झामुमो का गढ़ रहे जामा विधानसभा सीट पर अब उसी झामुमो को जीत के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। इस विधानसभा सीट से जहां एक तरफ बीजेपी से उम्मीदवार सुरेश मुर्मू हैं तो दूसरी ओर झामुमो छोड़ सीता सोरेन के भाजपा में चले जाने के बाद, भाजपा से टिकट न मिलने पर भाजपा से बागी हुई डॉक्टर लुईस मरांडी को झामुमो ने जामा विधानसभा से चुनाव मैदान में उतारा है।
अपने राजनीतिक करियर की भाजपा के प्राथमिक सदस्यता से शुरुआत करने वाली डॉ लुईस मरांडी 24 साल बीजेपी में रहीं हैं। भाजपा में विधायक मंत्री सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर भी रहीं, लेकिन इस बार टिकट न मिलने से हुई नाराज़ होकर उन्होंने झामुमो का दामन थाम लिया। झामुमो ने भले ही उन्हें टिकट देकर उन्हें सम्मान दिया हो, लेकिन उनकी जीत की राह आसान नहीं है।
अब जामा विधानसभा के लोग क्या चाहते हैं, उन्हीं से सुनते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां इतने वर्षों तक झामुमो के विधायक रहे, लेकिन विकास से कोसों दूर है जामा विधानसभा क्षेत्र। लोग ठगे महसूस कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे बाहरी को नहीं स्थानीय प्रत्याशी को मौका देंगे।
लोगों का कहना है कि जामा से भाजपा प्रत्याशी सुरेश मुर्मू स्थानीय हैं और हम इनके साथ हैं। वहीं सुरेश मुर्मू ने कहा कि हमको इस बार जमा विधानसभा की जनता का भरपूर सहयोग और साथ मिल रहा है। इस बार हम भारी मतों से चुनाव जीतने जा रहे हैं। कहा कि अगर हमारे क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक चुनावी सभा हो जाती तो जीत का अंतर और ज्यादा हो सकता है। उन्होंने कहा कि अगर हम चुनाव जीते हैं तो अपना पूरा जीवन जामा विधानसभा क्षेत्र की जनता के लिए समर्पित कर देंगे।