K. Durga Rao
चांडिल : नीमडीह थाना क्षेत्र के पुरियारा, जुगिलोंग, मुरु, तिलाईटांड़, हेंसालोंग, लाकड़ी, हुंडरू, बनडीह आदि गांव के गलियां इन दिनों अवैध महुआ शराब की दुर्गंध से महकने लगी हैं। इन गांवों में एक दर्जनों अवैध महुआ शराब की भट्ठियां संचालित हो रही हैं। इन गांवों में अवैध महुआ शराब चुलाई ने कुटीर उद्योग का रूप धारण कर लिया है। इन गांवों से प्रतिदिन हजारों लीटर महुआ शराब नीमडीह, चांडिल व तिरूलडीह थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों में पहुंचाया जाता है। कम कीमत पर मिलने के कारण मजदुर एवं युवा वर्ग महुआ शराब की लत में जकड़ कर मौत को करीब बुला रहे हैं। कई लोग अकाल मृत्यु के शिकार होकर परिवार को दुःख और परेशानी में धकेल चुके हैं।
अवैध शराब के कारण आए दिन गांव में अशांति भी फैलती है। बताया गया कि कई कारोबारियों ने अवैध शराब की कमाई से हाईवा खरीद लिया है। इधर ग्रामीणों को धीमा जहर परोस कर शराब कारोबारी करोड़पति बन रहे हैं। बुद्धिजीवियों का कहना है कि महुआ शराब का सबसे ज्यादा विपरीत असर युवा पीढ़ी पर पड़ रहा है। शराब की लत से युवा वर्ग नशे की दलदल में धंसते चले जा रहे हैं और अपने साथ परिवार के सपनों को चकनाचूर कर रहे हैं।
पुलिस से बेखौफ हैं शराब व्यापारी
अवैध महुआ शराब कारोबारियों को पुलिस का खौफ नहीं है। अहले सुबह चार बजे से पूरे दिन नीमडीह, चांडिल व तिरूलडीह थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों में मोटरसाइकिल से शराब पहुंचाई जाती है। बताया गया कि गांव के बाहर टेंट लगाकर शराब चुलाई को फैक्ट्री का रूप दिया गया है, जहां दिन रात शराब चुलाई का काम किया जाता है।
महुआ की गंध से आ धमकते है हाथी, जान माल की करता है क्षति
शराब की चुलाई के बाद अवशेष महुआ को भठ्ठी संचालक आसपास फेंक देता है। महुआ की गंध से हाथियों के झुंड गांव आ धमकते हैं। महुआ खाकर हाथी मदमस्त होकर किसानों की फसल को नष्ट कर देते हैं, मकान तोड़ डालता है और कभी लोगों पर भी हमला बोलते हैं। इस कारण लोगों को जान-माल की क्षत्ति होती है।