K. Durga Rao
चांडिल : सरायकेला-खरसावां जिले के चांडिल स्थित रेलवे बायपास से सटे दालग्राम जुड़िया (नाला) को रेलवे द्वारा अंडरपास निर्माण के क्रम में निकली मिट्टी को डालकर समतल किया जा रहा है। जिससे नाले के अस्तित्व पर संकट गहराने लगा है। उक्त बातें चांडिल प्रखण्ड क्षेत्र के साहरबेड़ा, दालग्राम, हिरिमिली, कदमडीह आदि गांव के ग्रामीणों ने शनिवार को कार्यस्थल के समीप बैठक अयोजित कर कही। बता दें कि यह नाला रेलवे लाईन के बगल में स्थित साहेब बांध से निकला है। इस नाले के जल को किसान अपने खेतों में प्रयोग कर फसल उपजाते हैं। नाले के पानी को व्यवस्थित ढंग से खेतों की सिंचाई हेतु चेक डेम का निर्माण भी कराया गया है। लेकिन इन दिनों रेलवे के इस निर्माण कार्य के फलस्वरूप होने वाले जलसंकट को लेकर ग्रामीण बेहद चिंतित हैं। ग्रामीणों का कहना है कि विकास के नाम पर रेलवे द्वारा प्राकृतिक संसाधनों को क्षति पहुंचाने का काम खुलेआम किया जा रहा है। पहले यह नाला 20 फिट चौड़ा हुआ करता था लेकिन निर्माण कार्य के दौरान नाले के स्वरूप को ही बदल कर रख दिया गया। संवेदक द्वारा नाला के नाम पर 5 फिट चौड़ा गड्ढा खोदकर मात्र ढाई-ढाई फीट का दो पाइप डालकर छोड़ दिया गया है, जिससे नाला का पानी तय दिशा में न जाकर दूसरे के खेतों में घूसने की प्रबल संभावना है, जिससे वृहद पैमाने पर फसल क्षति होने का अंदेशा किसानों द्वारा जताया जा रहा है। ग्रामीणों ने रेलवे द्वारा नाला समतलीकरण कार्य को अविलंब रोकने अन्यथा चरणबद्ध तरीके से आंदोलन की चेतावनी दी है। कहा कि जब तक उक्त नाले के ऊपर समतल किए मिट्टी को कहीं दूसरे जगह स्थानांतरित नहीं किया जाता, तहब तक आंदोलन चलता रहेगा।
इस अवसर पर रूदिया पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि ज्योतिलाल महाली, वार्ड सदस्य दीनबंधु महतो, महेश्वर मुर्मू, कार्तिक कालिंदी, सोनाराम मार्डी, संदीप मंडल, हराधान मांझी आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।
ज्ञात हो कि उक्त संवेदनशील विषय को लेकर बीते 25 जून को झारखंड नवनिर्माण समिति के एक प्रतिनिधिमंडल ने चांडिल एडीओ से मिलकर रेलवे द्वारा किए जा रहे नाले की समतलीकरण को रोकने के लिए ज्ञापन भी सौंपा हैं। बावजूद इसके रेलवे नाला समतलीकरण के काम को बिना रुके अंजाम दिया जा रहा है।