Mohit Kumar
दुमका : ज़िले के दिसोम मरांग बुरु संताली अरी चली आर लेग्चर अखड़ा के बैनर तले दुमका प्रखंड के ऐतिहासिक गांव हिजला में अखड़ा के अध्यक्ष व गांव के मंझी बाबा ग्राम प्रधान सुनिलाल हांसदा की अध्यक्षता में ग्रामीणों ने संताल हूल के ऐतिहासिक स्थल संताल काटा पोखर को लेकर स्वशासन मांझी परगना व्यवस्था के तहत कुल्ही दुरूप (बैठक) की। स्वतंत्रता संग्राम संताल हुल के संताल काटा पोखर वीर स्वतंत्रता सेनानी सिदो-कान्हू मुर्मू, फूलो-झानो मुर्मू, चांद-भैरो मुर्मू और हजारों गुमनाम शहीदों के सम्मान में बना एक धरोहर है, जो झारखंड के साथ-साथ पूरे देश को गौरवान्वित करता है। संताल काटा पोखर में अंग्रेजों के द्वारा संताल हुल के समय हजारों क्रांतिकारियों की निर्मम हत्या कर इस पोखर में डुबो दिया गया था। कुछ दिन पूर्व संताल काटा पोखर के पास पथ निर्माण विभाग की ओर से लगाए गए सूचना बोर्ड और तालाब के मेड़ पर लगाये गए लोहे की रैलिंग वर्षा और आंधी-तूफ़ान में क्षतिग्रस्त होकर गिर गई है। अभी तक प्रशासन द्वारा मरम्मति का कार्य शुरू नही होने पर अखड़ा और ग्रामीणों ने चिंता और रोष व्यक्त किया है।
अखड़ा और ग्रामीणों का कहना है कि अबुवा दिसोम अबुवा राज होने के बाद भी ऐतिहासिक स्थल संताल काटा पोखर का उपेक्षित रहना,बहुत दुःख की बात है। ऐतिहासिक स्थल संताल काटा पोखर का जितना विकास होना चाहिए था, उतना विकास नहीं हो पाया, जबकि ग्रामीण हमेशा इसके विकास का मांग करते आए हैं। अखड़ा और ग्रामीणों ने सर्व सम्मति से यह भी निर्णय लिया कि अगर जल्द ही उनकी मांगों पर विचार नहीं किया जाता है, तो अखड़ा और ग्रामीण नेताओं का सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा और वे आंदोलन के लिये बाध्य होंगे।
ग्रामीणों की मांगें
- अविलंब संताल काटा पोखर के पास पथ निर्माण विभाग की ओर से लगाये गए ऐतिहासिक स्थल संताल काटा पोखर का सूचना बोर्ड और तालाब के मेड़ पर लगाए गए लोहे की रैलिंग की मरम्मत करवाई जाए।
- गुमनाम शहीदों के नाम शहीद स्तंभ बनाया जाए।
- पोखरा के चारों ओर अधूरी चहारदीवारी को पूरा किया जाए।
- स्वतंत्रता सेनानी सिदो मुर्मू, कान्हू मुर्मू, चांद मुर्मू, भैरो मुर्मू, फूलो मुर्मू, झानो मुर्मू का प्रतिमा संताल आदिवासी के विधि विधान के अनुसार स्थापित किया जाए।
- शहीद ग्राम भोगनाडीह में आयोजित संताल हुल दिवस के तर्ज पर संताल काटा पोखर में 22 दिसंबर संताल परगना स्थापना दिवस पर भव्य सरकारी कार्यक्रम आयोजित किया जाए।
- संताल काटा पोखर का और सुंदरीकरण किया जाए।
- 22 दिसंबर को संताल परगना स्थापना दिवस के अवसर पर राजकीय अवकाश घोषित किया जाए।
- संताल काटा पोखर में संताली रीति रिवाज के अनुसार घाट का निर्माण किया जाए।
इस मौके पर जियालाल हांसदा, राजेन्द्र बास्की, सीता राम सोरेन, छोटू किस्कु, सुजाता सोरेन, पकलु किस्कु, सोलमा हेम्ब्रम, फूलय सोरेन, संजय हांसदा, लाल हांसदा, विलास हेम्ब्रम, दिलीप सोरेन, देवी सोरेन, गणेश हांसदा, उपेसर हांसदा, अर्जुन हांसदा, देवराज हांसदा, सुमन हांसदा, अनुज हांसदा, सूरज सोरेन, निर्मला हांसदा, होपोन हांसदा, सामुएल मुर्मू, हरेलाल हांसदा, प्रिंस मरांडी, अरबिंद टुडू, अशोक टुडू, पौलुस हांसदा के साथ काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।