जमशेदपुर : विधायक सुखराम उरांव के प्रतिनिधि और बालू कारोबारी समरेश सिंह उर्फ गुड्डू (37) पर खाऊ गली में हुए जानलेवा हमले के मामले में पुलिस ने तीन युवकों को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है। गिरफ्तार आरोपी घटनास्थल पर ही मौजूद थे, जिन्हें तत्काल हिरासत में लिया गया।
इस मामले में पुलिस ने छह से सात अन्य युवकों की पहचान भी कर ली है और लगातार छापेमारी की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, हमले की साजिश चक्रधरपुर में रची गई थी, जिसमें जमशेदपुर और आदित्यपुर के युवकों ने मिलकर योजना बनाई थी।
कैफे में रची गई थी साजिश, रेकी कर योजनाबद्ध तरीके से किया गया हमला
हमले से पहले सभी आरोपी बिष्टुपुर के एक कैफे में इकट्ठा हुए, जहां से वे समरेश सिंह की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए अलग-अलग दिशाओं में निकल गए। रेकी के बाद उन्होंने सुनियोजित ढंग से खाऊ गली में समरेश पर हमला किया।
हालांकि, समरेश बाल-बाल बच गए, लेकिन हमला क्षेत्र में सनसनी फैला गया।
हमले में घायल समरेश के मित्र शेष नारायण लाल उर्फ पप्पू लाल की शिकायत पर फुलनगिरी (मृतक कमल गिरी का भाई) समेत अन्य अज्ञात आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
पुराने विवाद और रेलवे टेंडर को लेकर भी जांच
पुलिस की जांच में सामने आया है कि 12 नवंबर 2022 को गिरिराज सेना प्रमुख कमलदेव गिरि की हत्या के बाद समरेश सिंह पर अस्पताल में हमला किया गया था। तब से दोनों पक्षों के बीच तनाव जारी था।
इस पुराने विवाद को भी पुलिस हमले की पृष्ठभूमि मानकर जांच के दायरे में रखे हुए है। इसके साथ ही, रेलवे के टेंडर मैनेजमेंट को लेकर भी समरेश का कई लोगों से विवाद था। इलाके में निकलने वाले अधिकांश रेलवे टेंडरों पर समरेश का नियंत्रण था, जिससे प्रतिस्पर्धियों में नाराजगी थी। इसे भी फायरिंग की एक अहम वजह माना जा रहा है।
सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों की पहचान, जल्द होगा खुलासा
पुलिस ने घटनास्थल, खरकई पुल, आदित्यपुर और अन्य इलाकों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले हैं, जिसमें आरोपियों की पहचान हो चुकी है। बिष्टुपुर थाना में देर रात तक पप्पू लाल, नारायण अग्रवाल और पंकज शर्मा से पूछताछ की गई। पुलिस का कहना है कि पूरा मामला जल्द ही सुलझा लिया जाएगा और मुख्य साजिशकर्ताओं को सलाखों के पीछे भेजा जाएगा।






