जमशेदपुर (ललित प्रेम): एमजीएम थाना क्षेत्र सिमुलडांगा स्थित अमूल वेयरहाउस में 5 जुलाई को लगी भीषण आग के मामले में कंपनी की ओर से 25 दिन बाद थाने में लिखित एफआईआर दर्ज कराई गई है। इस आगजनी को लेकर चार वरिष्ठ अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया गया है।
एफआईआर में नामजद:
- एन.एस. सिन्हा (जोन हेड, अमूल)
- रैबती रमण (बिहार-झारखंड-गुजरात जोनल हेड)
- केशव सिंह (ब्रांच मैनेजर, सिमुलडांगा)
- एक अन्य अधिकारी
शिकायतकर्ता राकेश कुमार सिंह ने आरोप लगाया है कि सुरक्षा मानकों की घोर अनदेखी और फायर सेफ्टी उपकरणों की कमी की वजह से यह अग्निकांड हुआ, जिसमें करीब ₹2.5 करोड़ का नुकसान हुआ।
दूध, दही, मक्खन — सब राख
दावा किया गया है कि भारी मात्रा में दूध, मक्खन, दही समेत अन्य उत्पाद जलकर राख हो गए। अचानक धुआं उठने से कर्मचारी दहशत में आ गए थे। दमकल टीम ने घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। स्थानीय लोगों के अनुसार, धुआं आसपास के इलाकों तक फैल गया था। सौभाग्यवश, इस हादसे में किसी की जान नहीं गई।
पुलिस जांच तेज, फॉरेंसिक टीम भी सक्रिय
एमजीएम थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।नामजद अधिकारियों से जल्द पूछताछ की जाएगी। आग लगने के सही कारणों का पता फॉरेंसिक जांच से लगाया जाएगा। 25 दिन बाद एफआईआर दर्ज होने से कंपनी के इरादों पर सवाल भी उठने लगे हैं कि है कि – क्या अग्निकांड केवल लापरवाही का नतीजा था? या कुछ और?






